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लुधियाना:- माना जाता है कि आवश्यकता ही अविष्कार की जननी है। गुरु नानक देव इंजीनियरिंग कॉलेज के दो विद्यार्थियों अमनदीप एवं गगनदीप ने भी इसे सार्थक साबित किया है। दोनों सगे भाई हैं। इन्होंने मोमबत्ती की लौ से मोबाइल फोन चार्ज करने के लिए चार्जर तैयार किया है। लंबे-लंबे पावर कट झेल रहे इन युवाओं को मोबाइल चार्ज करने में दिक्कत आती थी। ऐसे में इन्होंने जुगाड़ लगाया और अपनी जरूरत को पूरा करने के लिए घर पर पड़े वेस्ट मटीरियल से कैंडल पावर्ड फोन चार्जर तैयार किया।
गुरु नानक देव इंजीनियरिंग कॉलेज में आयोजित जुगाड़ मेले में काफी सराहा गया मॉडल
दोनों युवाओं ने इस कैंडल पावर्ड फोन चार्जर के मॉडल सोमवार को गुरु नानक देव इंजीनियरिंग कॉलेज में आयोजित जुगाड़ मेले में प्रदर्शित किया, जिसे काफी सराहा गया। मैकेनिकल इंजीनियरिंग थर्ड ईयर के छात्र गगनदीप सिंह ने बताया कि वह इशर नगर में रहते हैं। उनके इलाके में अकसर घंटों बिजली गुल रहती है, जिस कारण मोबाइल चार्ज करने में दिक्कत आती थी।
परेशान होकर हमने सोचा कि क्यों न मोबाइल चार्ज करने के लिए ऐसा उपकरण तैयार किया जाए, जिसमें बिजली की जरूरत ही न पड़े।इसके बाद हमने घर पर पड़ी मोमबत्ती, खराब कंप्यूटर के हीट सिग्स, पेन स्टैंड, बेकार पड़ी डेटा केबल और बाजार से स्टेटअप बक कनवर्टर व पैलटियर मॉड्यूल खरीद कर कैंडल पावर्ड फोन चार्जर तैयार किया।
इसके तहत जब मोमबत्ती को जलाकर पेन स्टैंड में हीट सिग्स के नीचे रखा जाता है, तो कैंडल के टेंपरेचर से करंट जनरेट होता है। इस करंट से पैलटियर मॉड्यूल बिजली पैदा करता है। हालांकि अकेले कैंडल से वोल्टेज अधिक नहीं होती है। वोल्टेज बढ़ाने के लिए स्टेटअप बक कनवर्टर लगाया गया है। जो कि पांच वोल्ट तक बिजली देता है।
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आठ सौ रुपये में तैयार हुआ चार्जर
अमनदीप सिंह व गगनदीप सिंह ने कहा कि कैंडल पावर्ड फोन चार्जर को तैयार करने में महज आठ सौ रुपये लगे। इसे कहीं भी, कभी भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
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30 मिनट में 15 प्रतिशत बैट्री होगी चार्ज
तीस मिनट में पंद्रह प्रतिशत तक मोबाइल फोन की बैट्री को चार्ज किया जा सकता है। यह पूरी तरह से देसी मॉडल है।