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लोहाघाट समाचार सेवा
लोहाघाट इसे विभाग की लापरवाही कहे या फिर सरकारी तंत्र की अनदेखी। छमनियां चौड़ स्थित राजकीय पॉलीटेक्निक में जल संकट के कारण लगभग दस माह पूर्व छात्रावास बंद करा दिए गए थे। दो माह पूर्व प्राविधिक शिक्षा निदेशालय द्वारा जल संस्थान को कॉलेज में मिनी ट्यूबवेल लगाने के लिए निदेशालय से 15.25 लाख रुपये स्वीकृत कर दिए थे। धन मिलने के बाद भी जल संस्थान विभाग द्वारा अभी तक कोई कार्य शुरू नहीं किया गया है। जिसके चलते दोनों छात्रावासों में पेयजल के अभाव में अभी भी ताले लटके हैं।
बता दें की लगभग दस माह पूर्व राजकीय पॉलीटेक्निक कॉलेज के लिए शंखपाल से बनी पेयजल लाइन क्षतिग्रस्त होने के कारण कॉलेज में पेयजल संकट गहरा गया था। जिसके कारण कॉलेज प्रशासन ने दो छात्रावासों में रह रहे 90 छात्र-छात्राओं को बोर्ड में नोटिस चस्पा कर छात्रावास खाली करने का निर्देश दे दिया गया। तब से छात्र-छात्राएं निजी कमरे लेकर बाहर रहने को मजबूर हैं। लेकिन जिम्मेदार आंखें मूंदे पड़े हैं। पेयजल संकट को देखते हुए कॉलेज प्रशासन ने शासन को कॉलेज परिसर में मिनी ट्यूबवेल लगाने के लिए शासन को पत्र भेजा था। जिसमें कार्यदायी संस्था जल संस्थान को चुना गया था। इसके बाद प्राविधिक शिक्षा निदेशालय द्वारा 15.25 लाख जल संस्थान को अवमुक्त कर दिए थे। दो माह पूर्व धन स्वीकृत होने के बाद भी आज तक जल संस्थान ने कॉलेज में झांकने तक नहीं गयी। विभाग के प्रभारी प्रधानाचार्य गोविंद थ्वाल ने बताया कि पानी के अभाव में छात्रावासों को खाली करना पड़ा था। साथ ही शासन को पेयजल संकट गहराने के संबंध में पत्र लिख कर भेजा गया था। शासन से शीघ्र जल संस्थान धन अवमुक्त कर दिया था। लेकिन पैसा मिलने के बाद भी जल संस्थान ने आज तक नहीं देखा। जिसके चलते कॉलेज परिसर में बने दो छात्रावास शो पीस बन कर रहे गए हैं। 90 छात्र संख्या वाले छात्रावास में रह रहे गरीब बच्चों को किराये के कमरे में रहने को मजबूर होना पड़ रहा है। छात्रावास छोड़ कर गए छात्र-छात्राओं का कहना है छात्रावास में सभी सुविधाएं मिलती थीं। बाहर रह कर परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।