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RGA News
सरकारी स्कूलों में बच्चों का पेट भरने के लिए हाजिरी का भी बड़ा खेल होता है। स्कूलों में पहुंचने वाले बच्चों की संख्या को रजिस्टर में दर्ज करना होता है। जिसके आधार पर मिड डे मील की धनराशि निर्गत की जाती है। लेकिन सूत्रों की मानें तो प्रति बच्चा दी जाने वाली राशि सवा चार रुपए में से बचत करने के लिए हाजिरी में खेल किया जाता है। जो जनप्रतिनिधि और अध्यापक की बिना मिलीभगत के संभव भी नहीं। मौजूद बच्चों की संख्या को बढ़ाकर रजिस्टर में दर्ज कर दिया जाता, और जेबें गरम कर ली जाती हैं।
जिले भर के स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की संख्या तकरीबन डेढ़ लाख हैं। प्राईमरी बच्चों के लिए सरकार 4 रुपए 13 पैसे देती है तो वहीं जूनियर बच्चों की खुराक के लिए 6 रुपए 18 पैसे जारी किया जाता है। राशि कम होने के बावजूद भी सामूहिक रूप में बच्चों का गुणवत्ता के साथ पेट भरा जा सकता है। लेकिन सरकारी विभाग खुद भी मानते हैं कि पंजीकृत संख्या के अनुरूप बच्चे नहीं आते, तो वहीं कई स्कूलों में हाजिरी की संख्या को बढ़ाकर खेल कर लिया जाता।
अध्यापकों के लिए कम से कम 30 बच्चों की उपस्थिति उन्हें दर्शानी ही होती है और अधिकांश स्कूलों में आंकड़ा भी इसी के ईद गिर्द घूमता रहता है। सूत्रों की मानें तो जनपद भर में कुछ एक स्कूल ही हो सकते हैं, जहां बच्चों की हाजिरी कुल पंजीकृत के आसपास हो। बोले, मानते हैं कि स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति कम होती है, लेकिन सभी स्कूलों के हालात भी ऐसे नहीं।
स्कूलों की निगरानी के लिए टीमें गठित है, लेकिन स्कूलों का औचक निरीक्षण भी यदा कदा ही होता है। वहीं अधिकांश निरीक्षण की सूचना भी स्कूलों के अध्यापक को पूर्व ही हो जाती है। जिससे वे उस खास दिन विशेष सतर्कता बरतते हुए बच्चों की संख्या भी अधिक दिखाते है। उदाहरण देते हुए कहा कि किसी उच्च अधिकारी या नेता के निरीक्षण वक्त बच्चों का प्रतिशत जैसे बढ़ता है यदि इसी को निरंतर रखा जाए तो पूरी पारदर्शिता संभव है।
मिड डे मील में अध्यापक जनप्रतिनिधि प्रधान या अध्यापक के अलावा रसोइयों की भी जानकारी में सब होता है। इसी तालमेल बनाने के चलते कई प्रधान और पार्षद अपने करीबी परिवारों की महिलाओं को रसोइयों के रूप में तैनात कर देते है। जबकि नियमत: पढ़ने वाले बच्चों के परिवार में से ही किसी एक महिला को तैनात करने का नियम है, जिसका पालन अधिकांश स्कूलों में नहीं हो रहा। प्राचार्य शशिकला यादव ने बताया कि नई बस्ती के बेसिक प्राईमरी यूनिट कन्या स्कूल मीनू के अनुसार बच्चों को तेहरी का वितरण किया गया। स्कूल में कुल 42 बच्चे हैं, जिसमें 30 बच्चे ही मौजूद थे।