(उर्से तहसीनी में उलमा-ए-कराम ने राष्ट्रपति को भेजा पत्र)
बरेली संवाददाता (अमरजीत सिंह)
बरेली। मुसलमानों के हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। हुकूमत मुंह फेरे है। इससे कौम में नाराजगी बढ़ी है। सरकार को चाहिए कि वो मुसलमानों के सामाजिक-वित्तीय मसाइल पर ध्यान दे। ताकि ये आबादी वतन की तरक्की में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले। गुरुवार को अल्लामा हजरत तहसीन रजा खां के 11वें उर्स के कुलशरीफ के बाद राष्ट्रपति को संबोधित यह मांग पत्र डीएम को सौंपा गया है। इसमें उलमा ने देश में मुसलमानों के हालात और उनके खिलाफ हुई कुछ घटनाओं समेत नौ बिंदुओं का जिक्र किया है। सज्जादानशीन मौलाना हस्सान रजा खां नूरी की ओर से यह पत्र भेजा गया है।
इससे पहले खानकाहे रजविया नूरिया तहसीनिया और शाहदाना मैदान पर चल रहे उर्स में सुबह साढ़े नौ बजे मसलके आला हजरत कांफ्रेंस हुई। देश के विभिन्न राज्यों से उलमा ए कराम ने मसलके आला हजरत पर कायम रहने का पैगाम दिया। मौलाना अमान रजा खां तहसीनी ने नात शरीफ पेश की। साढ़े दस बजे साहिबे सज्जादा हजरत मौलाना हस्सान रजा खां नूरी ने शिजरा शरीफ पढ़ा। कौम और मुल्क की तरक्की के लिए दुआ की गई। इस दौरान शहर काजी मुफ्ती असजद रजा खां कादरी, सूफी रिजवान खां नूरी, सुहैब रजा खां, मौलाना सफवान रजा खां, हाजी यूसुफ रजा खां, मौलाना फैज रजा खां, खलील कादरी, सगीर अहमद नूरी समेत बड़ी तादाद में अकीदतमंद शरीक हुए। उर्स में सपा के पूर्व महानगर अध्यक्ष जफर बेग, कैसर रजा, राजीव ऐरन, जरगाम अली, हाजी मुनीर, मोहम्मद आमिर लवी और मुकीम खां भी शामिल हुए। ये नौ मसले उठाये
दुनिया भर में दरगाहों पर बढ़ती आंतकी घटनाओं के मद्देनजर देश की दरगाहों की हिफाजत बढ़ाई जाए।
-गोरक्षा के नाम पर गुंडागर्दी, मॉब लिंचिंग की घटनाएं जारी हैं। बेगुनाहों को परेशान किया जा रहा है। ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।
वक्फ बोर्ड में सुन्नियों को जगह मिले। देश में 85 फीसद सुन्नी आबादी होने के बावजूद कुछ बेईमान लोगों को बोर्ड में जगह दे दी जाती है, यह दुखद है।
-ईद मिलादुन्नबी की छुट्टी बहाल की जाए।
-आला हजरत हज हाउस के ताले खुलें और रुहेलखंड विश्वविद्यालय में आला हजरत शोध पीठ स्थापित किया जाए।
-गोश्त (मांस) की बढ़ती कीमत पर लगाम कसी जाए।
-मुस्लिम इलाकों में स्कूलों की कमी है। तालीम में पिछड़ेपन से इनकी सामाजिक-माली हालत खराब है। मुस्लिम इलाकों में बैंक खोले जाएं।
-मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों में साफ-सफाई पर भी ध्यान दिया जाए। इससे स्वच्छ भारत अभियान को मजबूती मिलेगी।