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मसौधा (अयोध्या) : विकासखंड तारुन के बिद्यापुर में चल रही संगीतमयी भागवत कथा के समापन पर वृंदावन के कथा व्यास पंडित कल्याण दास ने भगवान कृष्ण और सुदामा की मित्रता प्रसंग का वर्णन किया। उन्होंने कहा कि सुदामा से परमात्मा ने मित्रता का धर्म निभाया। राजा के मित्र राजा होते हैं रंक नहीं। परमात्मा ने कहा, जिसके पास प्रेमधन है, वह निर्धन नहीं हो सकता। कृष्णा और सुदामा का मिलन नहीं जीव-ईश्वर का मिलन था। मनुष्य को ऐसा ही आदर्श प्रस्तुत करना चाहिए।
कथा व्यास ने कहा कृष्ण और सुदामा जैसी मित्रता देखने को नहीं मिलती। इसीलिए भगवान खुद ही सुदामा के आने की सूचना सुनते ही उनके स्वागत में नंगे पांव दौड़ पड़े। सुदामा को सिंहासन पर बैठाकर पांव पखारे। कृष्ण-सुदामा चरित प्रसंग सुनकर व झांकी देखकर श्रद्धालु भावविभोर हो उठे। कथा का शुभारंभ मुख्य यजमान अंबिका प्रसाद पांडेय व रामविशाल पांडेय ने व्यासपीठ की आरती उतारी। इस दौरान चंद्रप्रकाश पांडेय, जयप्रकाश पांडेय, पुष्पादेवी, सुमन दुबे, हरीश दुबे, अतुल पांडेय, आशीष पांडेय, हरिनारायण दुबे, राधारमण तिवारी ने कथा सुनी।