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मंगलवार को हनुमान जी की पूजा होती है। इसके व्रत एवम् पूजन के नियम मुख्य रूप से पुरुषों के लिए ही सुनिश्चित किए गए हैं। आइये जानें ऐसा क्यों है। ...
महिलाओं के लिए विशेष हैं नियम
कहते हैं कि मंगल को हनुमान जी की पूजा करने से सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। कोई भी मनोकामना हो बस आप मंगलवार को बजरंग बली की पूजा कर लें, सारे दुख दर्द से छुटकारा मिल जाता है। वैसे तो भगवान कोई भी हों महिला और पुरुष एक समान रूप से उनकी पूजा कर सकते हैं, परंतु पवनपुत्र की पूजा में महिलाओं के लिए कुछ विशेष नियम बनाये गए हैं। स्त्रियों का हनुमान जी की उपासना करना पूरी तरह से वर्जित तो नहीं है लेकिन हां कुछ चीजें ऐसी हैं कि जिनका पालन स्त्रियों को करना पड़ता है। माना जाता है कि राम भक्त हनुमान स्त्रियों को माता स्वरूप मानते हैं ऐसे में कोई महिला उनके चरणों के सामने झुके, वह उन्हें पसंद नहीं आता। हनुमान जी ब्रह्मचारी हैं।
किन बातों की है आज्ञा
महिलाएं हनुमान जी की पूजा में निम्न कार्य निर्विघ्न कर सकती हैं।
दीप अर्पित कर सकती हैं।
गूगुल की धूनी रमा सकती हैं।
हनुमान चालीसा, संकट मोचन, हनुमानाष्टक, सुंदरकांड आदि का पाठ कर सकती हैं।
हनुमान जी का भोग प्रसाद अपने हाथों से बनाकर अर्पित कर सकती हैं।
ये कार्य हैं निषिद्ध
जबकि महिलाओं के लिए हनुमान जी की पूजा में इन कार्यों का निषेध है।
लंबे अनुष्ठान नहीं कर सकती। इसके पीछे उनका राजस्वला होना और घरेलू उत्तरदाय़ित्व निभाना मुख्य कारण है।
रजस्वला होने पर हनुमान जी से संबंधित कोई भी कार्य नहीं कर सकतीं।
हनुमान जी को सिंदूर अर्पित नहीं कर सकती है ।
हनुमान जी को चोला भी नहीं चढ़ा सकतीं।
बजरंग बाण का पाठ नहीं करना चाहिए।