Weather : प्रदेशभर में गर्मी का प्रकोप जारी, 2 और 3 मई को बारिश की संभावना

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RGA News

तापमान में लगातार वृद्धि से लोग बेहाल चक्रवाती तूफान फैनी के असर से 2 और 3 मई को आंधी के साथ हल्की बारिश के आसार। ..

लखनऊ:- भीषण गर्मी से इस बार अप्रैल में बीस वर्षों का रिकार्ड टूटते-टूटते रह गया। राजधानी में मंगलवार को अधिकतम तापमान 44.6 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया। इससे पहले वर्ष 1999 में 30 अप्रैल को पारा 45 डिग्री पर पहुंचा था, जो अब तक का रिकार्ड है। साफ है कि गर्मी का रिकार्ड टूटने से बस जरा सा ही पीछे रह गया। केवल राजधानी ही नहीं, इलाहाबाद, वाराणसी और कानपुर में भी तापमान रिकार्ड बनाने को बेताब है। गर्मी का यह सितम बुधवार को भी जारी रहेगा।

प्रदेशभर में गर्मी का प्रकोप जारी है। लखनऊ, हरदोई, सुल्तानपुर, इलाहाबाद, वाराणसी, बांदा, शाहजहांपुर, बलिया, गोरखपुर, बरेली समेत कई इलाके ग्रीष्म लहर की चपेट में हैं। यहां मंगलवार को तापमान सामान्य के मुकाबले चार से पांच डिग्री अधिक रिकार्ड हुआ।  

बांदा सबसे गर्म, 47.2 पर पहुंचा पारा

मौसम विभाग के अनुसार प्रदेश का सबसे गर्म शहर बांदा (47.2) रहा। इलाहाबाद (46.5) दूसरे स्थान पर, वाराणसी (45.4) तीसरे स्थान पर रहा। वहीं, कानपुर (45.2), झांसी (44.4), आगरा (44.2) के स्तर में रहे। सुल्तानपुर, बरेली, गोरखपुर में भी तापमान 43 डिग्री के पार रिकार्ड किया गया। 

सुबह से बरसने लगी थी आग

राजधानी में सुबह से ही आसमान से आग बरस रही थी। मंगलवार को अधिकतम तापमान सामान्य से पांच डिग्री अधिक 44.6 डिग्री दर्ज किया गया। वहीं, दिनभर दक्षिण-पूर्वी हवाएं शरीर झुलसाती रहीं। आलम ये रहा कि बाजारों और प्रमुख सड़कों पर सन्नाटा दिखा। गर्मी में लोग बाहर निकलने की हिम्मत नहीं जुटा सके। वहीं, जो निकले भी, वे अपने को पूरी तरह  कवर करके ही निकले। पूर्वानुमान के अनुसार बुधवार को बादलों की आवाजाही हो सकती है।  

फैनी दिलाएगा गर्मी से कुछ राहत

मौसम विभाग द्वारा जारी अलर्ट के अनुसार बढ़ते तापमान पर फैनी चक्रवात ब्रेक लगाएगा। दो और तीन मई को 30-40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से धूल भरी पूर्वी हवाएं चलेंगी, जिससे आद्र्रता 80-90 फीसद तक पहुंचने की संभावना है। नमी बढऩे से प्रदेश में कुछ स्थानों पर हल्की तो कहीं, मध्यम बारिश की उम्मीद है। मौसम विभाग के निदेशक जेपी गुप्ता ने किसानों और भंडार गृहों को सलाह दी है कि नमी व तेज हवा से फसल को होने वाले नुकसान को बचाने के लिए कटी फसल, खुले में अनाज एवं खेतों में तैयार खड़ी फसल को काटकर सुरक्षित स्थान पर रखने की व्यवस्था कर लें।   

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