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पंचांग के अऩुसार अक्षय तृतीया बहुत ही शुभ दिन है। विवाह आदि के लिए इस दिन पंचांग देखने की जरूररत नहीं पड़ती। इस दिन सोना खरीदना बहुत शुभ माना गया है।
अक्षय तृतीया का त्योहार इस वर्ष सात मई (मंगलवार) को है। अक्षय तृतीया का मतलब होता है ऐसी तिथि जिसका कभी भी क्षय यानि खत्म ना होना। अक्षय तृतीया जिसमें सौभाग्य और शुभ फल का कभी क्षय नहीं होता। वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को बहुत ही सौभाग्यशाली माना जाता है। अक्षय तृतीया पर नई चीजों की खरीदारी बहुत ही शुभ मानी जाती है विशेषकर सोने के बने गहने।
अक्षय तृतीया का अलग महत्व होता है। इसे परशुराम जयंती के रूप में भी मनाते हैं। इस दिन से त्रेता युग का भी आरंभ माना जाता है। 15 साल बाद अक्षय तृतीया पर सूर्य, शुक्र, चंद्र और राहु अपनी उच्च राशि में प्रवेश करेंगे। यह संयोग स्वयं में अबूझ माना जाता है। इस दिन बिना मुहूर्त के भी विवाह कर सकते हैं। पितरों की शांति के लिए अक्षया तृतीया को बहुत विशेष माना जाता है। कहते हैं त्रेता युग का आरंभ अक्षया तृतीया को ही हुआ। सुदामा ने श्रीकृष्ण से चावल अक्षया तृतीया के दिन ही प्राप्त किए थे।