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तेज हवा और गरज-चमक के साथ पड़ेंगी बौछारें। 46.8 डिग्री के साथ प्रदेश में प्रयागराज रहा सबसे गर्म। ...
लखनऊ:- गर्मी और तीखी धूप से लोगों को कुछ राहत मिलने के आसार हैं। मौसम विभाग के अनुसार पश्चिमी विक्षोभ के कारण मौसम का मिजाज शुक्रवार से बदला है। अगले दो दिनों में कई इलाकों में गरज-चमक के साथ-साथ बौछारें पडऩे की संभावना है। इस दौरान तेज हवा भी चलेगी।
चक्रवाती तूफान फणि के असर से मौसम एक-दो दिन के लिए ठंडा हुआ, लेकिन फिर स्थिति जस की तस हो गई। अब पाकिस्तान के पास बने विक्षोभ से शुक्रवार को मौसम ने करवट लेने के संकेत दिए हैं। राजधानी में दिनभर धूप-छांव का खेल चलता रहा। मौसम विभाग के निदेशक जेपी गुप्ता ने देर रात राज्य में हवा के रुख में बदलाव आने की संभावना जताई है। उत्तरी-पश्चिमी के बजाय अब दक्षिणी-पूर्वी हवा दस्तक देगी। इससे राज्य में मौसम का मिजाज कुछ नरम होगा। शनिवार और रविवार को पूर्वी व पश्चिमी यूपी में गरज-चमक के साथ बौछारें पडऩे के आसार हैं। इस दौरान 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से हवा चलने की भी संभावना है।
प्रयागराज का पारा पहुंचा 46.8 डिग्री पर
बदली के चलते लखनऊ का अधिकतम तापमान 42.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। यह सामान्य से तीन डिग्री अधिक रहा। उमस के चलते न्यूनतम तापमान 29.2 डिग्री दर्ज किया गया। यह सामान्य से पांच डिग्री अधिक रहा। इससे पहले गुरुवार को अधिकतम तापमान 43.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। प्रयागराज यूपी में सबसे अधिक गर्म रहा। यहां अधिकतम तापमान 46.8 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। बांदा का अधिकतम तापमान 46.2, वाराणसी का 45 डिग्री सेल्सियस रहा। अयोध्या में तापमान 43 से घटकर 41 डिग्री और न्यूनतम 27 डिग्री रहा। अमेठी में तापमान में एक डिग्री का इजाफा रहा। अधिकतम तापमान 44 व न्यूनतम 28 डिग्री पर आ टिका। आंंबेडकरनगर में दो दिनों से तापमान 45 डिग्री पर ठहरा है। रायबरेली मे थोड़ी राहत जरूर मिली है। यहां न्यूनतम तापमान में दो डिग्री, जबकि अधिकतम में एक डिग्री सेल्सियस की गिरावट आई है। यहां अधिकतम तापमान 43 और न्यूनतम 28 डिग्री सेल्सियस रहा। बहराइच में दोपहर बाद बादल छा जाने से थोड़ा राहत रही। यहां 44 से घटकर शुक्रवार को 43.2 डिग्री सेल्सियस पर आ टिका। बलरामपुर में भी राहत रही। यहां 46 से घटकर शुक्रवार को तापमान 43 डिग्री पर आ टिका।
वाराणसी में शुक्रवार को लोग छांव में भी चेहरे ढककर चलने को मजबूर थे। अधिकतम तापमान 45 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने पर ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई। साथ ही न्यूनतम तापमान में भी बढ़ोतरी दर्ज की गई।