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अखाड़ों से जुड़े महात्मा महामंडलेश्वर मंडलेश्वर अगर विदेश जाते हैं तो उन्हें अपने अखाड़ा को उसका ब्योरा देना होगा ताकि अखाड़ा उनकी गतिविधियों पर नजर रखे।...
प्रयागराज:- अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद विदेश में प्रवास करने एवं नियमित रूप से भ्रमण करने वाले महात्मा पर अब नजर रखेगा। आस्ट्रेलिया के सिडनी में निरंजनी अखाड़ा के श्रीमहंत आनंद गिरि के गिरफ्तार होने के बाद अब अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की नजर विदेश जाने वाले महंतों रहेगी।
अखाड़ों से जुड़े महात्मा, महामंडलेश्वर, मंडलेश्वर अगर विदेश जाते हैं तो उन्हें अपने अखाड़ा को उसका ब्योरा देना होगा, ताकि अखाड़ा उनकी गतिविधियों पर नजर रखे। इसके लिए अखाड़ा परिषद हरिद्वार कुंभ से पहले एक टीम का गठन करेगी। निरंजनी अखाड़ा के श्रीमहंत योगगुरु स्वामी आनंद गिरि पर आस्ट्रेलिया के सिडनी में दो महिलाओं ने अमर्यादित हरकत करने का आरोप लगाया था। इससे पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार करके सिडनी जेल में बंद कर दिया था। बाद में वह जमानत पर रिहा हुए। भविष्य में किसी अखाड़े के महात्मा पर कोई गलत आरोप न लगे और वह किसी धर्मविरोधी कृत्य में लिप्त न हों, उसके लिए अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद 20 सदस्यीय समिति का गठन करेगी। इसमें 13 अखाड़ों के महात्मा शामिल होंगे। जिसमें दस भारत और दस विदेश में रहने वाले महात्मा शामिल होंगे।
देना होगा यात्रा का ब्योरा
विदेश जाने वाले महात्मा पहले अपने अखाड़े के पदाधिकारियों को ब्योरा देंगे। फिर उस ब्योरा को अखाड़ा परिषद को दिया जाएगा। अखाड़ा परिषद उसे विदेश में रहने वाले पदाधिकारियों को देगी। वह उसी के आधार पर महात्माओं पर नजर रखेंगे। अगर विदेश में किसी महात्मा को गलत आरोप में फंसाया जाता है तो वहां के महात्मा उनके समर्थन में राजनीतिक, धार्मिक, न्यायिक, पुलिस व प्रशासनिक स्तर पर पैरवी करेंगे। अगर कोई महात्मा गलत हरकत में पाया गया तो उसकी रिपोर्ट अखाड़ा परिषद को दी जाएगी, जिसके आधार पर कार्रवाई होगी।
बिना बताए गए तो होगी कार्रवाई
अखाड़े से जुड़े महात्मा अगर बिना सूचना दिए विदेश जाते हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। महात्मा पर आर्थिक दंड लगेगा। अगर दोबारा बिना बताए गए तो अखाड़े से बाहर भी किया जा सकता है।
अखाड़े को ब्योरे में यह बताएंगे
-किस देश में जा रहे हैं।
-वहां कितने दिन रुकेंगे।
-किन-किन आयोजनों में हिस्सा लेंगे।
-किसके साथ प्रवास करेंगे।
-संबंधित संस्था या शिष्य का मोबाइल नंबर देना होगा।
विदेश में महंतों के पल-पल की जानकारी रखेगा अखाड़ा परिषद
मुख्य संरक्षक जूना अखाड़ा व महामंत्री अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महंत हरि गिरि ने बताया कि विदेश में सनातन धर्म का प्रचार-प्रसार करना गर्व की बात है। इसके चलते हम किसी महात्मा को विदेश जाने से नहीं रोक रहे हैं, लेकिन महात्मा विदेश में परेशान न हों, उन्हें कोई गलत आरोप में फंसाए है तो उसके पक्ष में उचित पैरवी हो सके, उसके लिए विदेशों में निगरानी टीम गठित करने का निर्णय लिया गया है।