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वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरे पूर्व सांसद बाहुबली अतीक अहमद ने मैदान से हटने का ऐलान किया है। ...
वाराणसी:- लोकसभा चुनाव 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ वाराणसी से नामांकन करने वाले निर्दलीय प्रत्याशी अतीक अहमद ने मैदान छोड़ दिया है। अतीक अहमद ने वाराणसी से निर्दलीय नामांकन करने के बाद चुनाव प्रचार करने के लिए परोल की अर्जी दी थी। इलाहाबाद में एमपी, एमएलए कोर्ट के बाद हाईकोर्ट ने उसकी अपील खारिज कर दी थी। इसके बाद उन्होंने मैदान छोड़ दिया है। वाराणसी में सातवें तथा अंतिम चरण में 19 मई को मतदान होना है। यहां से गठबंधन की प्रत्याशी समाजवादी पार्टी की शालिनी यादव तथा कांग्रेस से अजय राय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चुनौती दे रहे हैं।
वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरे पूर्व सांसद बाहुबली अतीक अहमद ने मैदान से हटने का ऐलान किया है। कल रात मीडिया को भेजे गए पत्र में अतीक ने परोल न मिलने को चुनाव से हटने का कारण बताया है। इसके साथ ही माफिया से सांसद बने अतीक अहमद कहा कि वह किसी भी प्रत्याशी का समर्थन नहीं करेंगे। वाराणसी से अतीक अहमद का नामांकन पत्र जमा करने वाले उनके यहां के चुनाव एजेंट एडवोकेट शहनवाज आलम ने कल रात अतीक का नैनी जेल से लिखा पत्र मीडिया को जारी किया। इस पत्र में चुनाव मैदान से हटने की बात लिखी है।
माफिया अतीक अहमद के पत्र में लिखा है कि भारत में लोकतंत्र की जड़ें बहुत मजबूत हैं। इसके बाद भी यहां ऐसी विचारधारा के लोग भी मौजूद हैं जो लोकतंत्र को समाप्त कर हिटलरशाही लाना चाहते हैं। इस पत्र में मतदाताओं से सांप्रदायिक ताकतों को परास्त करने की अपील भी की गई है। वाराणसी में नामांकन पत्र वापसी की प्रक्रिया पूरी होने के कारण बैलट यूनिट में अतीक अहमद का नाम और चुनाव चिन्ह अंकित रहेगा। अतीक अहमद का चुनाव चिन्ह टेलीविजन है। शाहनवाज ने बताया कि उनी ओर से किसी तरह के पास और अनुमति नहीं ली जाएगी।
वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ तेलंगाना के 25 किसान समेत 101 लोगों ने नामांकन किया था। इन 101 में बीएसएफ से बर्खास्त जवान तेज बहादुर यादव भी शामिल था। उसका नामांकन रद हो गया। यहां पर जांच केबाद अब अब 25 प्रत्याशी मैदान में हैं।
मांगी थी अल्पकालिक जमानत पर रिहाई
प्रयागराज के सेंट्रल जेल, नैनी में बंद पूर्व सांसद बाहुबली अतीक अहमद को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने वाराणसी में चुनाव प्रचार के लिए अतीक अहमद की ओर से मांगी गई अल्पकालिक जमानत और रिहाई का आदेश देने से इन्कार कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि जिस आधार पर जमानत अर्जी खारिज हो चुकी है, बिना नए तथ्य के दोबारा उन्हीं तथ्यों पर दाखिल अर्जी स्वीकार्य नहीं हो सकती। यह आदेश न्यायमूर्ति अनिरुद्ध सिंह ने दिया है। कोर्ट ने कहा है कि अतीक अहमद के खिलाफ 75 आपराधिक मामले विचाराधीन हैं। हालांकि याची के अधिवक्ता डीएस मिश्र का कहना था कि याची पांच बार विधायक और एक बार सांसद रहा है। किसी भी आपराधिक मामले में उसे सजा नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि वह (याची) कानून का पालन करने वाला नागरिक है। लोकसभा चुनाव में प्रचार के लिए उसे कुछ समय के लिए जमानत पर रिहा किया जाए।