राम कथा सुनने मात्र से होती है मन की शुद्धि

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(तुलसी दास का रामचरित्र मानस समूचे मानव समाज के लिए आचार संहिता के समान है।) 

बस्ती समाचार सेवा

बस्ती: तुलसी दास का रामचरित्र मानस समूचे मानव समाज के लिए आचार संहिता के समान है। इस ग्रंथ में मर्यादा का पालन और मर्यादित जीवन जीने की सीख दी गई है। जो लोग मानस का अध्ययन कर जीवन में उतारते हैं। उन्हे जीवन में आने वाले संकट से मुक्ति मिल जाती है। मानस के जड़चेतन में भगवान का वास माना जाता है। मानस की शुरूआत में तुलसी बाबा ने लिखा है कि सीयाराम मय सब जग जानी,करहु प्रनाम जोर जुग पानी। इसलिए मानस सबके लिए उपयोगी बताया गया है। यह बात साध्वी चंद्रकला ने स्वामी विवेकानंद इंटर कालेज दुबौलिया में चल रही राम कथा में सातवें दिन कहीं। कहा कि एक कुटिल मंथरा के चलते चौदह वर्ष तक राम राज्य की स्थापना नहीं हुई थी ।विधायक अजय ¨सह, महिला आयोग की सदस्य इंद्रवास ¨सह, गुरुप्रसाद ¨सह ,सुनील ¨सह, अरमान ¨सह, जीत बहादुर ¨सह, आशीष ¨सह, विपिन ¨सह मौजूद रहे।

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