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चुनाव परिणाम आने में महज एक दिन शेष है। सरकार किसी की भी आए लेकिन इससे पहले ही संघ ने अपने विषय और संगठन का विस्तार करने की रणनीति बना ली है। ...?
मेरठ:- चुनाव परिणाम आने में महज एक दिन शेष है। सरकार किसी की भी आए,लेकिन इससे पहले ही संघ ने अपने विषय और संगठन का विस्तार करने की रणनीति बना ली है। विषय और कार्यो में आमूल-चूल परिवर्तन करने के लिए संघ अब अपने सेवा कार्यो में विस्तार करने जा रहा है। स्वयंसेवक अब खाकी पैंट,सफेद शर्ट और काली टोपी में आइआइएम के पैटर्न और हिंदू धर्मग्रंथों के प्रेरक प्रसंगों से प्रबंधन सीखेंगे।
नागपुर खुद नजर रखेगा
देशभर के सेवा कार्यो पर नागपुर खुद नजर रखेगा। स्वयंसेवकों की ट्रेनिंग अब नए तौर-तरीके से होगी। स्वयंसेवकों को विशेष प्रशिक्षण के साथ ही डिजिटली भी ट्रेंड किया जाएगा। इसके लिए मेरठ, ब्रज और उत्तराखंड सहित देशभर में संघ के 90 शिविरों के संचालन की योजना है। इनमें से मेरठ सहित विभिन्न प्रांतों में संघ के शिविर चल रहे हैं। नागपुर में चल रहे राष्ट्रीय शिविर में भी मेरठ से बड़ी संख्या में स्वयंसेवक गए हैं।
विशेष रूप से प्रशिक्षित होंगे स्वयंसेवक
संघ अपने अनुषांगिक संगठनों में स्वयंसेवकों को भेजने से पहले उनकी ट्रेनिंग पुख्ता करेगा। जनवरी में संघ ने अपने सेवा कार्यो को 34 से बढ़ाकर 162 करने का निर्णय लिया था। इसकी घोषणा के लिए भी संघ प्रमुख मोहन भागवत ने मेरठ में उस वक्त हुए शिविर को चुना था। संघ अपने अनुषांगिक संगठन विश्व हिंदू परिषद, संस्कृत भारती, शिक्षा भारती, क्रीड़ा भारती व दुर्गा वाहिनी की तर्ज पर कई अन्य संगठन खड़ा करने की योजना बना रहा है। स्वयंसेवकों को सोशल मीडिया और डिजिटल बिहैवियर का भी ज्ञान कराया जाएगा।
‘सेवा कार्यो को विस्तार दिया जाएगा’
संघ के कार्यो और विषयों का चुनाव से कोई सरोकार नहीं है, लेकिन यह सच है कि संघ अपने सेवा कार्यो को बढ़ाने जा रहा है। सेवा कार्यो की सूची सौ से ज्यादा है।
आइआइएम के पैटर्न व धर्मग्रंथ से सीखेंगे मैनेजमेंट
स्वयंसेवक अब खाकी पैंट, सफेद शर्ट और काली टोपी में आइआइएम के पैटर्न और हिंदू धर्मग्रंथों के प्रेरक प्रसंगों से प्रबंधन सीखेंगे। श्रीमद्भागवत गीता, रामायण, वेद सहित तमाम ग्रंथों से मैनेजमेंट की सीख दी जाएगी। दुनियाभर में विकास और प्रेरणा के तमाम सफल मॉडल भी स्वयंसेवकों को बताए जाएंगे। शिविरों में दुनिया की बेहतरीन शासन प्रणालियों के बारे में भी बताया जाएगा। खुद सीखने के बाद स्वयंसेवक शाखाओं में धीरे-धीरे युवा और नए जुड़ने वाले सदस्यों की मदद करेंगे।
इन विषयों पर गठित होंगे अलग संगठन
पर्यावरण संरक्षण, स्वास्थ्य जागरूकता और सहायता, मलिन बस्तियों और कूड़ा बीनने वाले बच्चों के बीच कार्य, स्वच्छता, उच्च शिक्षा, योग, सरकारी संपत्ति का सम्मान और सुरक्षा, जैविक खेती, मौलिक कर्तव्यों के प्रति जागरूकता, आयुर्वेद, अप्रवासी भारतीयों को भारतीय संस्कृति से जोड़े रखना, अस्पतालों के बाहर रोगियों और उनके तीमारदारों की सहायता, भारतीय धर्म ग्रंथों पर वैज्ञानिक शोध आदि विषयों पर आरएसएस अब अलग संगठन गठित करेगा।