(निगम प्रशासन आज (रविवार) रात से पटेल मंडप में कार्यक्रमों का सिलसिला शुरू करने जा रहा है। इसी के साथ मेला भी शुरू होगा)
मेरठ संवाददाता
मेरठ: नगर निगम प्रशासन ने रविवार से नौचंदी मेला शुरू करने का दावा तो कर दिया, लेकिन मेला अभी भी बे-रंग है। पटेल मंडप की तैयारियां अधूरी हैं। निगम मेला कार्यालय ही नहीं खोल पाया है। दुकानें आधी अधूरी हैं। न ही सर्कस आया। आरोप है कि अफसर इस बार समय का सदुपयोग नहीं कर पाए।
मेरठ का मेला नौचंदी ऐतिहासिक है, लेकिन इस बार इसका रंग अभी तक फीका है। निगम प्रशासन आज (रविवार) रात से पटेल मंडप में कार्यक्रमों का सिलसिला शुरू करने जा रहा है। इसी के साथ मेला भी शुरू होगा। सबसे ज्यादा विलंब होने के बावजूद मेलास्थल अभी तक जनता के स्वागत के लिए तैयार नहीं है। जहां माता का जागरण होना है, वह स्थल अभी तक तैयार नहीं है। वहां न तो कार्यक्रम की तैयारी हुई हैं और न ही दर्शकों के बैठने व्यवस्था। पूरा पटेल मंडप खाली है। निगम की लापरवाही का आलम यह है कि मेला कार्यालय ही नहीं बना है। किसी कर्मचारी अधिकारी की ड्यूटी तक नहीं लगाई गई है। अभी तक सर्कस के आने की सूचना तक नहीं है। आठ दिन से खोज रहे आज मिली दुकान
इस बार मेले में दूर दूर से दुकानें लेकर पहुंचे व्यापारियों को भी खासी परेशानी उठानी पड़ रही है। खुर्जा से पहली बार मेले में बर्तन की दुकान लेकर पहुंचे सगीर चौहान को जामुन बाजार में दुकान संख्या 38 आवंटित की गई थी। अपनी दुकान को वे पिछले आठ दिन से खोज रहे थे लेकिन उन्हें दुकान नहीं मिली। आज मेला समिति के सदस्यों तक शिकायत पहुंची तो निगम अफसरों ने आनन फानन में पहुंचकर उनकी दुकान का स्थल दिखाया। 25 वाट के स्थान पर 5 वाट का बल्ब
मेले में बिजली ठेकेदार पर भी मनमानी के आरोप हैं। प्रत्येक दुकानदार को उसे 25 वाट का बल्ब लगाकर देना है, लेकिन ठेकेदार मे दुकानों में मात्र 5 वाट का एलईडी बल्ब लगाया है। मेला परिसर में भी लाइटें शर्तो से खासी कम हैं। जिसे लेकर मेला समिति के सदस्य खासे नाराज हैं। सर्कस के मैदान में झूले लगाने की तैयारी
सूत्रों की माने तो इस बार एक ग्रुप ऐसा भी है जो इस प्रयास में है कि मेले में सर्कस न आ सके। सर्कस के विशाल मैदान में झूले लगाने का प्रयास है। सर्कल और मौत का कुआं मेले में भीड़ जुटने का बड़ा कारण माना जाता है।