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RGA News, ब्यूरो चीफ लखनऊ
मलिहाबाद में गिरते जलस्तर का असर आम पर भी दिख रहा। फलपट्टी में आम के वजन और आकार में आई गिरावट। ...
लखनऊ:- अपने आकार और स्वाद के लिए मशहूर मलिहाबादी दशहरी दुबला होने लगा है। जानकार इसके पीछे गिरते जलस्तर को वजह मान रहे हैं। 'प्यास' से सिर्फ दशहरी की ही दशा नहीं खराब है, बल्कि आम की सभी किस्मों पर इसका असर दिख रहा है। फलपट्टी में आम के वजन और आकार में लगातार गिरावट आ रही है।
मलिहाबाद में साल दर साल जलस्तर लगातार गिर रहा है। यहां अभी 180 फीट गहराई पर पानी मिल रहा है। ऐसे में आम को मुश्किल से पानी मिल पा रहा है। इसके चलते एक किलोग्राम वजन तक होने वाला दशहरी चार सौ ग्राम के आगे नहीं बढ़ पा रही है। पद्मश्री से अलंकृत बागबान कलीमउल्ला यह बताते हुए चिंता जताते हैं, 'ऐसा ही रहा तो दशहरी चखने को भी मुश्किल से मिलेगी'। उनके मुताबिक 10 वर्ष पहले तक लंगड़ा का वजन तीन पाव (साढ़े सात सौ ग्राम तक) होता था लेकिन कुछ साल में यह तीन से चार सौ ग्राम पर ठहर गया है। इसी तरह 350 ग्राम तक होने वाला लखनऊवा सफेदा अब 250 ग्राम से ज्यादा वजन नहीं पा रहा। यही हाल सफेदा जौहरी का भी है।
क्या कहते हैं जानकार
शायर और आम उत्पादक डॉ. असमत बताते हैं कि कम बारिश से पेड़ों को पर्याप्त पानी न मिलने, कीड़े की संख्या में वृद्धि होने और पेड़ों की धुलाई एक से बढ़कर पांच से छह बार होने के साथ ही बढ़ते प्रदूषण ने भी आम की सेहत पर असर डाला है।
पद्मश्री कलीम उल्ला ने बताया कि 1965 में 52 फीट पर पानी मिलता था। तब बौर एक हाथ तक के होते थे, अब इसे बित्ते से नाप सकते हैं। अब 180 फीट पर पानी मिल पा रहा है। इससे आम छोटा होने के साथ जल्दी सूख भी जा रहा है।