डॉक्‍टरों की हड़ताल के कारण कुमाऊं में 2500 से अधिक मरीज झेल रहे मुसीबत

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RGA News, उत्तराखंड ब्यूरो चीफ

पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों से मारपीट की घटना के विरोध में सोमवार को हल्द्वानी में भी डॉक्टर हड़ताल पर हैं। आइएमए व राजकीय मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टरों ने कार्य बहिष्कार किया है।...

हल्द्वानी-: पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों से मारपीट की घटना के विरोध में सोमवार को हल्द्वानी में भी डॉक्टर हड़ताल पर हैं। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन व राजकीय मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टरों ने कार्य बहिष्कार किया है। इससे ओपीडी सेवाएं प्रभावित हैं। पूरे कुमाऊं से इलाज के लिए पहुंचे 2500 से अधिक मरीज प्रभावित हुए हैं। एसटीएच व बेस अस्पताल में मरीजों को लोड बढ़ गया है। 

निजी अस्पतालों के क्लीनिकों से लौटै मरीज 

निजी अस्पतालों व क्लीनिकों में ही उपचार कराने पहुंचे मरीज निराश लौटे। ओखलकांडा से पहुंचे मरीज सुरेश सिंह का कहना था कि वह अपनी माताजी का इलाज कराने मुखानी स्थित निजी क्लीनिक में पहुंचे। माताजी के पेट में लंबे समय से दर्द रहता है। हमें हड़ताल की जानकारी नहीं थी। अब वापस लौटना पड़ेगा। इस तरह की स्थित तमाम अन्य मरीज झेल रहे थे। 

जूनियर डॉक्टरों ने निकाली रैली 

राजकीय मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टर भी घटना से आक्रोशित हैं। डॉक्टरों ने एसटीएच गेट से मेडिकल कॉलेज परिसर तक विरोध मार्च निकाला। डॉक्टरों ने पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के खिलाफ नारेबाजी की और कहा कि हमें न्याय चाहिए। वी वांट जस्टिस के नारे लगाए।

आइएमए ने सेंट्रल अस्पताल में की सभा, मांगी सुरक्षा 

आइएमए ने सेंट्रल अस्तपाल के सभागार में सभा की। महासचिव डॉ. प्रदीप पांडे ने कहा कि हमें सुरक्षा चाहिए। पश्चिम बंगाल की घटना से हम डरे हुए हैं। डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए सख्त कदम उठाए जाने चाहिए। जब तक सरकार हमारी मांगों पर विचार नहीं करती है, हमारा आंदोलन जारी रहेगा। इस दौरान डॉ. भूपेंद्र बिष्ट, डॉ. मनोज जोशी, डॉ. अजय पांडे, डॉ. मोहन तिवारी समेत तमाम डॉक्टर शामिल रहे।

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