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बस थोड़ा इंतजार और आठ से 10 दिनों के भीतर मेरठवासी मानसून की बौछारों से सराबोर हो जाएंगे। वहीं दिल्ली में 29 जून को नियत तिथि पर बारिश की संभावना जताई जा रही है।...
मेरठ:- देश की आर्थिक राजधानी मुंबई अगले 24 घंटे में मानसून की फुहारों से सराबोर हो जाएगी। मौसमविदें ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में मानसून की दस्तक को लेकर अलग-अलग राय जाहिर की है। कुछ वैज्ञानिकों का मानना है कि अभी मानसून के लिए कम से कम आठ से 10 दिनों का इंतजार करना पड़ेगा। वहीं,निजी एजेंसी स्काइमेट ने दिल्ली में 29 जून को नियत तिथि पर बारिश की संभावना जताई है। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार मानसूनी बारिश का अब तक फेज कमजोर रहा है।
मानसून ने पकड़ ली रफ्तार
अंडमान निकोबार के बाद देश के मैदानी भागों में सबसे पहले केरल में बारिश होती है। एक जून की जगह इस बार केरल में एक सप्ताह बाद मानसूनी बारिश हुई है। उसके बाद वायु चक्रवात ने मानसून की रफ्तार पर विराम लगा दिया था। मौजूदा समय में मानसून ने रफ्तार पकड़ी है और अब यह मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और पूर्वी उत्तर प्रदेश में अपना असर दिखा रहा है। कानपुर, लखनऊ के साथ बारिश के झोंके आए हैं। मानसून के सिस्टम से अभी हरियाणा, पंजाब, दिल्ली और पश्चिमी उप्र को आच्छादित होने में समय लगेगा।
नॉर्दन लिमिट ऑफ मानसून की रफ्तार ठीक
देश में इस समय दक्षिण पश्चिम मानसून से बारिश होती है। मानसून समुद्र की सतह से उठता है और ऊपर की ओर बढ़ता है। कृषि प्रणाली संस्थान के वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक डा. एम शमीम ने बताया कि मानसून की ऊपरी लिमिट को नार्दन लिमिट आफ मानसून कहा जाता है। इसी से वेस्ट यूपी और मेरठ में बारिश होती है। इसकी रफ्तार इस समय ठीक है। उन्होंने कहा कि अगर रफ्तार ऐसी ही बनी रहती है तो मेरठ में 4 से 5 जुलाई तक मानसूनी बारिश हो सकती है। मेरठ में 29-30 जून को मानसून के आमद की तिथि है। इस लिहाज से देखा जाए तो बारिश में केवल चार दिन का विलंब है।
एक पखवाड़े का दावा
सरदार पटेल कृषि विश्वविद्यालय के मौसम केंद्र के प्रभारी डा. यूपी शाही ने बताया कि अभी वेस्ट यूपी को पूरी तरह आगोश में लेने में मानसून को 15 दिन और लगेंगे।
अल नीनो के सक्रिय होने से शुरुआत में मानसूनी बारिश कम
प्रशांत महासागर के समुद्र की सतह अब भी गर्म है जिससे अल नीनो अभी प्रभावी है। डा. शमीम ने बताया कि अलनीनो का मौजूदा प्रभाव मध्यम दर्जे का है। देश का 50 प्रतिशत भू भाग अब तक दक्षिण पश्चिम मानसून से आच्छादित हो चुका है। आंकड़े बताते हैं कि 38 प्रतिशत बारिश कम है। डा. शमीम ने बताया कि यह ट्रेंड जुलाई के शुरू में भी बना रहेगा। शुरुआती बारिश कम होने के बाद मानसून के जोर पकड़ने के आसार हैं। उन्होंने बताया कि किसानों को धान की नर्सरी तैयार करने का कार्य आरंभ कर देना चाहिए।
धूल भरी हवाओं ने किया परेशान
पश्चिमी विक्षोभ के चलते सोमवार को दिनभर धूल भरी हवाएं चलती रही। हालांकि विक्षोभ के कमजोर पड़ने के कारण बारिश की संभावना कम हो गई है। पहले 26 तक इसके प्रभावी रहने की उम्मीद जताई गई थी। वहीं आज हल्के बादल छाए रहेंगे। सोमवार को 12 से 15 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चली। दिनभर धूल ने लोगों को परेशान किया। नम हवाओं के चलते गर्मी काबू में रही। अधिकतम तापमान 37.4 सामान्य से एक डिग्री अधिक और न्यूनतम तापमान 25.2 सामान्य से एक डिग्री कम रहा। वरिष्ठ मौसम कृषि वैज्ञानिक डा.एम शमीम ने बताया कि 29 तक बारिश की संभावना नहीं है। तब तक लोगों को गर्मी से जूझना पड़ेगा।