अटल के अस्थि विसर्जन में खर्च हुए बजट का व‍िवाद खत्‍म, ये हुई व्‍यवस्‍था 

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RGA News

पूर्व प्रधानमंत्री के अस्थि विसर्जन कार्यक्रम के करीब ढाई करोड़ खर्च का विवाद सुलझा। शासन स्तर पर निकाला गया निदान सूचना निदेशक ने एलडीए सचिव को लिखा पत्र। ...

लखनऊ:- पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई के अस्थि विसर्जन कार्यक्रम पर हुआ करीब ढाई करोड़ से अधिक का खर्च  एलडीए की जगह राज्य सूचना निदेशालय करेगा। एलडीए ने ये खर्च न करने संबंधित पत्र हाल ही में शासन को भेज दिया था। लगभग 10 महीने से पूर्व पीएम की के अस्थि विजर्सन के खर्च की फाइल शासन से एलडीए तक का चक्कर काट रही थी। आखिरकार शासन स्तर पर ये फैसला किया गया है। इस संबंध में सूचना निदेशक ने एलडीए सचिव को पत्र लिख कर इस बात की जानकारी बुधवार को दी है।

ये था मामला
राजधानी के झूले लाल पार्क घाट पर किये गये विसर्जन में खर्च हुए 2.54 करोड़ रुपये का हुआ था। फाइल पिछले 10 महीने से एक ऑफिस से दूसरे ऑफिस घूम रही  थी। फिर भी कोई बजट देने को तैयार नहीं है। 23 अगस्त 2018 को कार्यक्रम हुआ था। कुल दो करोड़ 54 लाख 29 हजार 250 रुपये खर्च हुआ था। जिसमें स्टेज, साउंड सिस्टम, लाइटिंग, टेंट, बैरीकेडिंग सहित तमाम कामों में यह रकम खर्च हुई थी। एलडीए की ओर से ये व्यवस्था की गई थी। किसके आदेश पर ये व्यवस्था की गई, ये कोई भी आधिकारिक तौर पर बताने को तैयार नहीं  था।

भव्य हुआ था अटल का अस्थि विसर्जन कार्यक्रम
अटल बिहारी वाजपेई की मृत्यु के बाद तत्कालीन गृहमंत्री व वर्तमान में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह खुद विशेष विमान से अटल की अस्थियां लेकर लखनऊ आए थे। लखनऊ एयरपोर्ट पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राज्यपाल राम नाइक, डिप्टी सीएम केपी मौर्य व दिनेश शर्मा सहित योगी सरकार के तमाम मंत्री मौजूद थे। एलडीए सचिव एमपी सिंह ने 9 जनवरी 2019 को शासन को पत्र लिखा फिर 15 मार्च को उन्होंने फिर  पत्र लिखा।  तब सूचना विभाग ने 15 मई 2019 को भेजे पत्र में जवाब दिया कि इस तरह के आयोजन व कार्यक्रम के खर्च के लिए बजट में कोई व्यवस्था नहीं है। एलडीए सचिव एमपी सिंह के मुताबिक पेमेंट के लिए लगातार लिखा पढ़ी की जा रही है. सूचना विभाग से ही पैसा मिलना है। वित्त विभाग ने भी आपत्तियां लगायी हैं। बजट न मिलने से कार्यक्रम आयोजित करने वाली कम्पनी को पैसा नहीं दिया जा सका है। अब निदेशक सूचना शिशिर ने इस संबंध में बुधवार को सचिव एलडीए एमपी सिंह को पत्र लिखा है कि सूचना विभाग इसका खर्च उठाएगा। जल्द ही भुगतान प्रक्रिया शुरू होगी।

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