नागराज, अंगारा और भेड़िया के बाद अब दुश्मनों पर कहर ढाएंगे जलीकट्टू और लावा

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RGA News

अंगारा के साथ ही नागराज भेड़िया बाज लिजा जैसे कैरेक्टर गढ़ने वाले कॉमिक्स के बेताज बादशाह परशुराम शर्मा के दो नए किरदार ‘जलीकट्टू’ और ‘लावा’ अगस्त में धमाल मचाने को तैयार हैं।...

मेरठ,:- गैंडे की खाल, लोमड़ी का दिमाग, चीते की चाल, शेर का दिल, हाथी का बल, वनमानुष का शरीर लिए अंगारा कभी देश ही नहीं विदेशों में भी सुपरहिट था। अंगारा के साथ ही नागराज, भेड़िया, बाज, लिजा जैसे कैरेक्टर गढ़ने वाले कॉमिक्स के बेताज बादशाह परशुराम शर्मा के दो नए किरदार ‘जलीकट्टू’ और ‘लावा’ अगस्त में धमाल मचाने को तैयार हैं। 2006 के बाद ये दोनों नए कैरेक्टर्स हैं। 
सांड़ और बुल के जीन को परखनली में मिलाकर बना जलीकट्टू 
परशुराम शर्मा बताते हैं कि उन्होंने जलीकट्टू को पुराणों और भगवान शिव की कहानी से प्रेरणा लेकर गढ़ा है। सात लोकों में पाताल सबसे नीचे है। भारत से ‘जंगली’ नाम के सांड़ और स्पेन में आयशा नाम के बुलफाइटर के जीन को परखनली में मिलाकर एक नए बलशाली जीव का जन्म ‘जलीकट्टू’ के रूप में होता है। ‘लावा’ भी एक मायावी किरदार है, जो मानवता के विरोधियों और दुष्टों का संहार करेगा। ‘लावा’ ज्वालामुखी से निर्मित मानव है, जो दुष्टों पर लावा उड़ेल देता है। 
सुपरहिट कॉमिक्स कैरेक्टर 
परशुराम शर्मा ने अपना कैरियर उपन्यास लेखन से शुरू किया था। उनका पहला उपन्यास ‘चीखों का संसार’ रुड़की में 12वीं कक्षा में पढ़ते हुए 18 साल की उम्र में छपा था। वह कॉमिक्स लेखन की ओर आए तो जबरदस्त सफलता मिली। उनके लिखे कुछ मशहूर कॉमिक्स कैरेक्टर.. 
दारा : 1985 में आया ‘दारा’ कैरेक्टर मशहूर पहलवान दारा सिंह से प्रेरित था। दारा की लड़ाई माफिया के खिलाफ थी। 
मिस्टर एक्स : 1985 आया ‘मिस्टर एक्स’ गायब होकर अपराधियों की कमर तोड़ देता था। 
तोंदू-भोंदू : 1985 में आए तोंदू-भोंदू अपने अनूठे अंदाज के कारण लोगों को हंसाते थे। 
नागराज : 1989 में आया नागराज दुश्मनों पर हथियारों की जगह उंगलियों से खतरनाक विषैले सांप छोड़ता था। 
अंगारा : 1988 में आए इस कैरेक्टर ने कॉमिक्स के इतिहास के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए थे। अंगारा के करीब 300 अंक बाजार में आए। अंगारा अंग्रेजी सहित कई भाषाओं में बच्चों तक पहुंचा। विदेशों में भी इसकी ख्याति हुई। 
प्रकाशकों की बेरुखी व मोबाइल लील गए कॉमिक्स को: शर्मा 
परशुराम शर्मा का कहना है कि आज प्रकाशक कॉमिक्स छापने के कतई इच्छुक नहीं है। 20 साल पहले बच्चे आज की तरह मोबाइल में गेम नहीं खेला करते थे। वीडियो गेम और कॉमिक्स किराये पर देने वालों की चांदी हुआ करती थी। 
दिल्ली में है परशुराम फैंस क्लब 
परशुराम शर्मा के नाम पर दिल्ली में फैंस क्लब है। परशुराम शर्मा के पास अपना लिखे सारे कॉमिक्स और उपन्यास भले ही न हों, लेकिन क्लब के सदस्यों ने उनके सभी कॉमिक्स और उपन्यास की लाइब्रेरी भी बना रखी है। फैंस उनका जन्मदिन मनाने दिल्ली से मेरठ आते हैं। 26 फरवरी 2017 को हुई इंटरनेशनल कॉमिक्स फेयर में परशुराम शर्मा को सम्मानित किया गया था। कॉमिक्स फेयर में कमांडो ध्रुव के रचियता अनुपम सिन्हा, चाचा चौधरी को गढ़ने वाले प्राण के परिजन भी शामिल हुए थे। 
महफिल लूटने वाले परशुराम तन्हा 
परशुराम शर्मा के लिए कभी महफिलें सजती थीं। दूसरे शहर में जाते तो ऑटोग्राफ और फोटोग्राफ के लिए लाइन लगती थी। कभी दूसरे शहरों से प्रशंसक उनसे मिलने आते थे। कॉमिक्स और नॉवेल का क्रेज खत्म होने से नई पीढ़ी उन्हें पहचानती ही नहीं। महारानी, बाज, आग, इंका, पाप का मंदिर, बंगला नंबर 420 सहित 250 के करीब हिट उपन्यास लिखने वाले परशुराम शर्मा आज शास्त्रीनगर में अपनी कलम और किताबों के साथ तन्हा हैं।

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