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RGA News, लखनऊ
यमुना एक्सप्रेस-वे पर हुए भीषण हादसे के बाद परिवहन विभाग की एक-एक खामी को दुरुस्त करने पर मंथन शुरू हो गया है।...
लखनऊ:- यमुना एक्सप्रेस-वे पर हुए भीषण हादसे के बाद परिवहन विभाग की एक-एक खामी को दुरुस्त करने पर मंथन शुरू हो गया है। बुधवार को परिवहन मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने प्रदेश भर के विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक की। सुधार के तमाम सुझावों पर चर्चा के साथ ही निर्देश दिए गए हैं कि रास्ते में खाना खाने के बाद चालक ढाबे पर ही आधे घंटे विश्राम करेंगे या फिर वज्रासन के बाद ही बस चलाएंगे।
नियोजन विभाग के सभागार में परिवहन मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, प्रमुख सचिव परिवहन आराधना शुक्ला ने प्रदेश भर के क्षेत्रीय प्रबंधक और सहायक क्षेत्रीय प्रबंधकों के साथ बैठक की। यमुना एक्सप्रेस वे पर हुई घटना को केंद्र में रखते हुए अधिकारियों से कमियों और सुझावों पर कई घंटे चर्चा हुई। प्रेसवार्ता में परिवहन मंत्री ने बताया कि जांच समिति ने रिपोर्ट दी है कि चालक कृपाशंकर को झपकी आने की वजह से यमुना एक्सप्रेस वे पर दुर्घटना हुई।
अब तय किया गया है कि लंबे रूट पर सिर्फ वही बसें लगाई जाएंगी, जो 4 लाख किलोमीटर से कम चली हों। इन रूट पर अनुभवी और अच्छे रिकॉर्ड वाले चालक लगाए जाएंगे। उन्होंने बताया कि चालकों को काम का बेहतर माहौल दिया जाएगा। सभी बस अड्डों पर व्यवस्थित विश्राम कक्ष होंगे। ड्यूटी सॉफ्टवेयर से निष्पक्षता के साथ लगेंगी। साथ ही प्रति माह स्वास्थ्य परीक्षण और माह में कम से कम चार दिन की छुट्टी अनिवार्य की जा रही है।
जिम्मेदार अफसरों पर होगी कार्रवाई
एक सवाल के जवाब में परिवहन मंत्री ने बताया कि अधिकारियों ने रिपोर्ट दी है कि चालक को झपकी आने से हादसा हुआ, लेकिन यह जांच भी कराई जा रही है कि बस में कोई खराबी तो नहीं थी। इसके अलावा जिन निरीक्षकों की ड्यूटी उस दिन एक्सप्रेस वे पर चेकिंग की थी, उनकी भी जानकारी मांगी है। इसमें जो-जो लापरवाही के जिम्मेदार होंगे, उन सभी पर कार्रवाई होगी। साथ ही अब व्यवस्था होगी कि यमुना एक्सप्रेस वे और लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस वे पर चौबीस घंटे निरीक्षकों की ड्यूटी रहेगी।