पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत समेत 118 ने दी गैरसैंण में गिरफ्तारी

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RGA News, गैरसैंड

आंदोलनकारियों को जेल भेजने के विरोध में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत...

गैरसैंण: आंदोलनकारियों को जेल भेजने के विरोध में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत समेत 118 कांग्रेसियों ने शुक्रवार को गिरफ्तारी दी। गिरफ्तारी देने वालों में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, पूर्व मंत्री, महिला प्रदेश अध्यक्ष जैसे दिग्गज भी शामिल रहे। देर शाम एसडीएम ने सभी को रिहा कर दिया। एसडीएम के माध्यम से मुख्यमंत्री को भेजे मांग पत्र में कांग्रेस नेताओं ने गैरसैंण को जिला घोषित करने समेत विभिन्न मांगें रखी।

दो दिन पूर्व गैरसैंण राजधानी संघर्ष समिति के 35 आंदोलनकारियों को जेल भेजे जाने के विरोध में पूर्व सीएम हरीश रावत की अगुआई में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल, पूर्व उपाध्यक्ष एपी मैखुरी, पूर्व कैबिनेट मंत्री राजेंद्र भंडारी, कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष जोध सिंह बिष्ट, महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष सरिता आर्य, पूर्व विधायक जीतराम, विधायक रानीखेत मनोज तिवाड़ी, पूर्व एमएलसी पृथ्वीपाल सिंह, पूर्व विधायक मनोज बिष्ट, प्रदेश प्रवक्ता मथुरादत्त जोशी, विधायक करन माहरा सहित बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता गैरसैण पहुंचे। कांग्रेसजनों ने आंदोलनकारियों पर दर्ज मुकदमे वापस लेने और गैरसैंण को राजधानी बनाने की मांग को लेकर जमकर नारेबाजी की। शुक्रवार को गैरसैंण नगर दिनभर राजधानी गैरसैंण के नारों से गूंजता रहा। नगर की सड़कों से प्रदर्शन कर जुलूस के रूप में तहसील गैरसैंण पहुंचे कांग्रेसियों ने कई घंटे परिसर में सरकार विरोधी नारे लगाए। काग्रेसियों ने चेतावनी दी कि जब तक आंदोलनकारियों पर दर्ज मुकदमे वापस नहीं किए जाते हैं, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। नारेबाजी के बीच ही 118 कांग्रेसियों ने गैरसैंण तहसील में गिरफ्तारी दी। जिन्हें देर शाम एसडीएम देवानंद शर्मा ने रिहा कर दिया।

नौकरी देने के बजाय सरकार रिक्त पदों को कर रही समाप्त-हरीश रावत

गिरफ्तारी से पूर्व दोपहर पूर्व सीएम हरीश रावत पार्टी कार्यकर्ताओं संग गैरसैंण रामलीला मैदान में आहुत जनसभा में पहुंचे। जहां हरीश रावत ने प्रदेश सरकार पर आरोपों की झड़ी लगाते कहा कि बिना त्याग व संघर्ष के कोई लड़ाई जीती नहीं जा सकती है। कार्यकर्ताओं से आर-पार की लड़ाई के लिए तैयार रहने की अपील करते हुए कहा कि 20 अगस्त से अनिश्चितकालीन प्रदेशव्यापी आंदोलन शुरू होगा। सरकार को गैरसैंण राजधानी की पांच दशक पुरानी मांग पूरी करनी पड़ेगी। बढ़ती बेरोजगारी पर चिंता व्यक्त कर उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार नौकरी देने के बजाय रिक्त पदों को मृत कर रोजगार के दरवाजे बंद करने में जुटी है। पलायन को लेकर सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि पौड़ी स्थित पलायन आयोग का दफ्तर खुद ही पलायन कर देहरादून चला गया है। गैरसैंण विकास परिषद को भंग करने को साजिश करार देते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा का अहंकारी रूप देश व प्रदेश के लिए ठीक नही है।

इस मौके पर नगर पालिका गैरसैंण के अध्यक्ष पुष्कर सिंह रावत, सुरेश कुमार बिष्ट, सुरेन्द्र सिंह बिष्ट, मुकेश नेगी, नगर पंचायत अध्यक्ष रुद्रप्रयाग बीना झिंकवाण, कर्णप्रयाग कमल सिंह, लक्ष्मी नेगी, बिरेन्द्र मिंगवाल, कुंवर सिंह बिष्ट, संदीप नेगी, विक्रम नेगी, लखपत बुटोला, गणेश कांडपाल, गोपालराम टमटा सहित 200 से अधिक कांग्रेस कार्यकर्ता मौजूद रहे। पहली बार कई समय बाद कांग्रेस की सभा में सेवादल सदस्यों की खासी उपस्थिति नजर आई।

--- चरणबद्ध आन्दोलन की हुई घोषणा

गैरसैंण रामलीला मैदान में 20 अगस्त से 5 सितंबर तक धरना कार्यक्रम होगा। इसके बाद विधानसभा क्षेत्रवार क्रमिक अनशन के तहत छह से 10 सितंबर तक थराली क्षेत्र, 11 से 15 बदरीनाथ क्षेत्र, 16 से 25 सितंबर द्वाराहाट क्षेत्र, 26-30 रुद्रप्रयाग, एक से पांच अक्टूबर पौड़ी, छह से 10 अक्टूबर अल्मोड़ा, 11 से 15 अक्टूबर बागेश्वर, 15 से 20 अक्टूबर चंपावत, 21 से 26 अक्टूबर टिहरी व उत्तरकाशी, 27 से 31 अक्टूबर देहरादून, एक से तीन नवंबर पिथौरागढ़, चार से छह नवंबर नैनीताल व सात से नौ नवंबर ऊधमसिहनगर के कार्यकर्ता आंदोलन में शिरकत करेगें। नौ नवंबर को राज्य स्थापना दिवस पर प्रदेशभर के आदोलनकारी गैरसैंण में सभा कर आगामी रणनीति पर मंथन करेंगे

आंदोलनकारी जमानत पर रिहा

दो दिन पहले जेल भेजे गए सभी 35 आदोलनकारियों को 30-30 हजार रुपये के दो जमानती पेश करने के बाद जमानत दे दी गई है।

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