RGA News, नैनीताल उत्तराखंड
परिवार कल्याण उप केंद्रों में संविदा के रूप में 600 फार्मेसिस्टों की नियुक्ति के लिए तीन साल पूर्व निकाली गई विज्ञप्ति को निरस्त करने के शासन के निर्णय को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई...
नैनीताल-: सरकार द्वारा राज्य के परिवार कल्याण उप केंद्रों में संविदा के रूप में 600 फार्मेसिस्टों की नियुक्ति के लिए तीन साल पूर्व निकाली गई विज्ञप्ति को निरस्त करने के शासन के निर्णय को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने सरकार से जबाव दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।
सरकार ने 7 जुलाई 2016 को राज्य के परिवार कल्याण उप केंद्रों में संविदा के रूप में 600 फार्मेसिस्ट नियुक्ति करने के लिए विज्ञप्ति जारी की । इन पदों के लिए हजारों बेरोजगारों ने आवेदन किये । आवेदन शुल्क सरकार ने एक हजार तय किया था । लेकिन सरकार ने लंबे समय तक इन पदों के लिए नियुक्ति प्रक्रिया शुरू नहीं की तो अक्टूबर 2017 व मार्च 2019 में दो याचिकाएं इस मामले में हाईकोर्ट में दायर हुईं । जिनकी सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने सरकार को इन पदों पर समयबद्ध ढंग से नियुक्ति करने को कहा था। लेकिन सरकार ने फार्मेसिस्टों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने के बजाय तीन वर्ष पूर्व निकाली गई विज्ञप्ति को निरस्त घोषित कर दिया। सरकार के इस फैसले को राकेश सिंह व तीन अन्य ने हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए कहा कि याचिकाकर्ता तीन वर्ष से नियुक्ति की आश लगाए थे जो अब ओवरएज हो रहे हैं । वे इन पदों के लिए योग्य थे । उन्होंने एक हजार रुपया आवेदन शुल्क भी जमा किया था । याचिकर्ताओं के अनुसार फार्मेसिस्ट पदों पर नियुक्ति होनी ही नहीं थी तो ये विज्ञप्ति क्यों जारी की गई । याचिका में अफसरों के खिलाफ भी कार्यवाही की अपील की गई है । मामले की सुनवाई करते हुए न्यायमुर्ति लोकपाल सिंह की एकलपीठ ने सरकार को इस मामले में जबाव दाखिल करने के निर्देश दिए हैं ।