राष्ट्रीय ग्रामीण आवाज- उप संपादक (अमरजीत सिंह)
दरगाह आला हजरत के सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन रजा खां कादरी ने तीन तलाक बिल के बहाने देश में समान नागरिक संहिता कानून लागू करने का अंदेशा जताया है। ...
बरेली:- तीन तलाक पर रोक का बिल लोकसभा में तीसरी बार भी पास हो गया। इसके बाद भी बरेली के दरगाह आला हजरत को इस बिल पर एतराज है। एक बार में तीन तलाक (तलाक-ए-बिद्दत) पर पहली बार दरगाह आला हजरत से प्रतिक्रिया सामने आई है।
मोदी सरकार ने गुरुवार को तीसरी बार लोकसभा से तीन तलाक पर रोक का बिल पास कराया है। दरगाह के सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन रजा खां कादरी ने इस बिल के बहाने देश में समान नागरिक संहिता कानून लागू करने का अंदेशा जताया है। कानून पर अपना रुख स्पष्ट करते हुए कहा कि तीन तलाक वैध था, है और वैध ही रहेगा। इस्लामिक कानून का आधार कुरान है। इसमें तलाक का जिक्र है। इसलिए मुसलमान कयामत तक इस पर अमल करेंगे। मुस्लिम पर्सनल लॉ में हस्तक्षेप की कोई गुंजाइश नहीं है। अगर वाकई सरकार मुसलमानों को हक दिलाना चाहती है, तो पहले उनकी और बच्चों की रक्षा करे। इबादतगाहों को सुरक्षित कराए।
दरगाह आला हजरत से जुड़े नासिर कुरैशी ने सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन मियां का यह बयान जारी किया है। अपने बयान में सज्जादानशीन ने तलाक पर आए सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का भी जिक्र किया। जिसमें कोर्ट ने एक बार में तीन तलाक को अमान्य करार दिया था। कोर्ट के फैसले में अपनी बात जोड़ते हुए कहा कि जब तलाक बोलने पर अदालत की नजर में रिश्ता ही नहीं टूटा फिर सजा क्यों? बोले, शौहर को तीन साल की सजा मिलने से परिवार में जुड़ाव की गुंजाइश खत्म हो जाएगी। संविधान निर्माता डॉ. भीमराव आंबेडकर ने कहा था कि मजहबी मामले में दखल नहीं दिया