
RGA न्यूज़ गोरखपुर
महराजगंज में चार युवतियां और एक महिला खेत में धान की रोपाई कर रहीं थीं। इसी दौरान मेड़ पर लगे लोहे के पोल से पांनी में करंट आ गया।...
गोरखपुर:-महराजगंज जिले के फरेंदा थाना क्षेत्र के पचरुखी गांव में सोमवार की शाम एक हृदय विदारक घटना हो गई। खेत में खडे़ बिजली के पोल में करंट आया और वह खेत के पानी में उतर गया। इससे विश्रामपुर चौराहे के पास धान की रोपाई कर रहीं एक महिला व चार युवतियों की मौत हो गई। घटना से आक्रोशित परिजनों ने शवों को फरेंदा-नौगढ़ मार्ग पर रखकर जाम लगा दिया। आक्रोशित ग्रामीण बिजली अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा और मृतकों के परिजनों को मुआवजे की मांग कर रहे थे। पुलिस अधीक्षक रोहित ¨सह सजवान के मुकदमा दर्ज करने के आदेश के बाद जाम समाप्त हुआ।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महराजगंज के फरेंदा थाना क्षेत्र के चिलवारी गांव में करंट लगने से पांच लोगों की मौत पर गहरा दुख प्रकट किया है। उन्होंने जिलाधिकारी को घटना के कारणों की जांच कराकर दोषी व्यक्तियों के विरुद्ध कार्रवाई के निर्देश दिये हैं।
पचरूखी के टोला हड़हवा की रहने वाली राधिका (19) , लक्ष्मी (20), सोनी (23) , वंदना (22) व सुभावती (35) सोमवार की शाम विश्रामपुर चौराहे के समीप एक खेत में धान की रोपाई कर रहीं थीं। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक उसी समय खेत में खडे़ विद्युत पोल पर एक कौआ बैठ गया। जिससे ढीला तार पोल से छू गया। इससे पानी से लबालब भरे खेत में करंट फैल गया। खेत में धान की रोपाई कर रहीं पांचों करंट की चपेट में आ गई। कुछ देर छटपटाने के बाद सभी की मौत हो गई। घटना की जानकारी होते ही पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों के साथ ही जनप्रतिनिधि व स्थानीय लोग मौके पर पहुंच गए। एक साथ पांच की मौत से सहम उठा गांव पचरुखी गांव के लोगों ने इस हृदयविदारक घटना की कल्पना सपने में भी नहीं की होगी।
सोमवार को हंसती-खेलती चारों लड़कियां व एक महिला घर से रोपाई के लिए निकलीं तो सभी के चेहरे पर खुशी के भाव स्पष्ट झलक रहे थे। सभी धान की रोपाई करते समय गीत भी गा रहीं थीं, लेकिन यहां तो नियति को कुछ और ही मंजूर था। धान की रोपाई के दौरान एक ही गांव की पांच महिलाओं की मौत से गांव ही नहीं पूरा इलाका दहल उठा। शाम होते ही पांचों के मौत की खबर जैसे ही गांव में पहुंची कोहराम मच गया। हर तरफ चीखपुकार मच गई। घरों को छोड़कर महिलाएं, बच्चे, बुजुर्ग और युवक खेत की तरफ दौड़ पड़े। खेत में सभी के शव मिट्टी से सने थे। मौका-ए-हालात व शवों की स्थित देखकर लोगों की रूह तक कांप गई। सैकड़ों की भीड़ चंद मिनट में ही जुट गई। मशक्कत के बाद बेजान पड़े महिलाओं को खेत से बाहर निकाला गया।
धीरे-धीरे प्रशासनिक अधिकारी भी वहां पहुंच गए और हालत को संभालने का प्रयास किया, लेकिन शवों के साथ लिपटकर रोने वालों की बढ़ती तादात से माहौल और गमगीन हो गया। लोग एक दूसरे को सांत्वना देते रहे। लेकिन गम की आगोश में पूरा इलाका आ गया। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए कई थानों की फोर्स लगा दी गई। खुद एसपी मौके पर पहुंचकर लोगों को संभालने में जुट गए। फरेंदा थाना क्षेत्र पचरुखी के टोला हड़हवा की रहने वाली राधिका, लक्ष्मी, सोनी, वंदना व सुभावती का परिवार मजदूरी के सहारे चलता है। गांव की रहने वाली यह पांचों सोमवार को इलाके के विश्रामपुर चौराहे के समीप खेत में धान की रोपाई कर रही थीं। शाम होते ही महिला मजदूर घर जाने की तैयारी करने में जुट गई।