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अयोध्या मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दो अगस्त से शुरू होने वाली सुनवाई के मद्देनजर मंगलवार को तपस्वी छावनी के महंत परमहंस दास अचानक बाबरी मस्जिद के पक्षकार इकबाल अंसारी के घर पहुंच गए। इस दौरान जहां महंत श्रीदास ने हनुमान चालीसा का पाठ किया। वहीं इकबाल अंसारी ने भी कुरान शरीफ की आयतें पढ़ीं। दोनों ने अपने संयुक्त बयान में कहा कि उनकी मंशा है कि सुप्रीम कोर्ट जल्द से जल्द अपना निष्पक्ष फैसला सुनाए।
श्रीअंसारी ने कहा कि यह मसला बहुत पुराना हो चुका है। कई पीढ़ियां खत्म हो गई है। इसलिए मामले में जल्द से जल्द फैसला सुनाया जाना चाहिए। वहीं महंत श्रीदास ने कहा कि वह राम मंदिर के निर्माण के लिए लगातार प्रयासरत हैं। सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने से पहले सामाजिक वातावरण शांतिपूर्ण बना रहे और फैसले को सभी पक्ष स्वीकार करें। इसी धारणा को लेकर वह श्रीअंसारी के घर गए थे। मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से भी मामले का आउट ऑफ कोर्ट सेटिलमेंट करने के बारे में प्रयास रहा। इसी संभावना की तलाश के लिए ही कोर्ट ने अवकाश प्राप्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति कलीफुल्ला की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय मध्यस्तता कमेटी का भी गठन किया है।
इस कमेटी के सदस्यों में मध्यस्थता के विशेषज्ञ अधिवक्ता श्रीराम पंचू एवं आर्ट ऑफ लिविंग संस्था के संस्थापक श्रीश्री रविशंकर शामिल हैं। सुप्रीम कोर्ट के ही निर्देश पर इन दिनों दिल्ली में मध्यस्थता कमेटी की ओर से पक्षकारों की बैठक की जा रही है। यह कमेटी एक अगस्त को अपनी अंतिम रिपोर्ट कोर्ट को सौंपेगी। इसके बाद दो अगस्त को कोर्ट इस प्रकरण की सुनवाई के बारे में अपना फैसला निर्धारित करेगी।