रेफरल अस्पताल गोगरी में सिजेरियन प्रसव की नहीं है सुविधा

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RGA न्यूज बिहार 

रेफरल अस्पताल गोगरी में सिजेरियन प्रसव की सुविधा नहीं है। इस कारण यहां आने वाले गरीब मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। खासकर आर्थिक परेशानी होती है।

जबकि प्रत्येक दिन अस्पताल में 20 से 25 मरीज प्रसव कराने रेफरल अस्पताल पहंुचते हैं। लेकिन जब सिजेरियन प्रसव की स्थिति उत्पन्न होती है गरीब प्रसव पीड़िता के परिजन परेशान हो उठते हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा रेफरल अस्पताल में सिजेरियन प्रसव की सुविधा उपलब्ध नहीं कराए जाने से यहां यह परेशानी है

मजबूरी में जाना पड़ता है निजी अस्पताल: अस्पताल में साधारण प्रसव को आसानी से हो जाता है, लेकिन जब सिजेरियन की स्थिति पैदा होती है तो गरीब मरीजों को जेवर ,गहना बेचकर या बंघक रखकर निजी नर्सिंग होम में जाकर सिजेरियन प्रसव कराना पड़ता है। सिजेरियन प्रसव में नर्सिंग होम के संचालक द्वारा मरीज के परिजनों का आर्थिक दोहन होता है। जिससे गरीब मरीजों के लिए समस्या हो रही है।

प्रसव मरीज के परिजनों के समक्ष होती है समस्या: साधारण प्रसव कराने रेफरल अस्पताल पहंचे मरीज के परिजनों को जैसे ही डॉक्टर कहते हैं कि प्रसव नॉर्मल नहीं होगा, सिजेरियन प्रसव की स्थिति बन रही है। उस परिस्थिति में मरीज के परिजनों के सामने विकट स्थिति उत्पन्न हो जाती है।

निजी क्लिनिक में जाने में आर्थिक समस्या है। सिजेरियन से प्रसव होने की बातें सुनकर गरीब परिवार के समक्ष पैसे की समस्या सामने आ जाती है। ऐसे में सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था का समुचिल लाभ नहीं मिल पाता है। चिकित्सा प्रभारी पदाधिकारी डॉ. चन्द्र प्रकाश ने बताया कि विभाग द्वारा सुविधा उपलब्ध कराए जाने पर अस्पताल में सिजेरियन प्रसव कराया जाएगा।

इस कारण यहां आने वाले गरीब मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। खासकर आर्थिक परेशानी होती है।

जबकि प्रत्येक दिन अस्पताल में 20 से 25 मरीज प्रसव कराने रेफरल अस्पताल पहंुचते हैं। लेकिन जब सिजेरियन प्रसव की स्थिति उत्पन्न होती है गरीब प्रसव पीड़िता के परिजन परेशान हो उठते हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा रेफरल अस्पताल में सिजेरियन प्रसव की सुविधा उपलब्ध नहीं कराए जाने से यहां यह परेशानी है।

मजबूरी में जाना पड़ता है निजी अस्पताल: अस्पताल में साधारण प्रसव को आसानी से हो जाता है, लेकिन जब सिजेरियन की स्थिति पैदा होती है तो गरीब मरीजों को जेवर ,गहना बेचकर या बंघक रखकर निजी नर्सिंग होम में जाकर सिजेरियन प्रसव कराना पड़ता है। सिजेरियन प्रसव में नर्सिंग होम के संचालक द्वारा मरीज के परिजनों का आर्थिक दोहन होता है। जिससे गरीब मरीजों के लिए समस्या हो रही है।

प्रसव मरीज के परिजनों के समक्ष होती है समस्या: साधारण प्रसव कराने रेफरल अस्पताल पहंचे मरीज के परिजनों को जैसे ही डॉक्टर कहते हैं कि प्रसव नॉर्मल नहीं होगा, सिजेरियन प्रसव की स्थिति बन रही है। उस परिस्थिति में मरीज के परिजनों के सामने विकट स्थिति उत्पन्न हो जाती है।

निजी क्लिनिक में जाने में आर्थिक समस्या है। सिजेरियन से प्रसव होने की बातें सुनकर गरीब परिवार के समक्ष पैसे की समस्या सामने आ जाती है। ऐसे में सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था का समुचिल लाभ नहीं मिल पाता है। चिकित्सा प्रभारी पदाधिकारी डॉ. चन्द्र प्रकाश ने बताया कि विभाग द्वारा सुविधा उपलब्ध कराए जाने पर अस्पताल में सिजेरियन प्रसव कराया जाएगा।

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