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RGA न्यूज़ हिमाचल प्रदेश
एक तरफ जहां हिमाचल के युवा नौकरी के लिए दर-दर भटक रहे हैं, वहीं दूसरी ओर राज्य हिमाचल सचिवालय में नवनियुक्त 155 क्लर्कों में बिहार, झारखंड, दिल्ली, हरियाणा और पंजाब से संबंध रखने वाले 16 लोग सेवाएं देंगे।
इनमें अकेले बिहार के ही सात क्लर्क शामिल हैं। ऐसा पहली बार हुआ है। पता चलते ही सचिवालय में इसका विरोध शुरू हो गया है। सचिवालय कर्मचारी संघ ने इस मामले को मुख्यमंत्री से उठाया है।
राज्य कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर के माध्यम से वर्ष 2018 में कराई गई परीक्षा के आधार पर लिपिक के 155 पद भरे गए हैं। तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के पदों के लिए साक्षात्कार अब नहीं होते हैं।
राज्य सचिवालय के लिए लिपिकों की भर्ती परीक्षा के बाद इंटरव्यू न होने के कारण बाहरी राज्यों के उम्मीदवार बाजी मार गए। प्रदेश सचिवालय कर्मचारी सेवाएं संघ की बैठक में यह मामला उठाया गया है।
दिल्ली से चार, चंडीगढ़ से दो लिपिक
संघ के अध्यक्ष संजीव शर्मा ने कहा कि सचिवालय में तैनात होने वाले 155 नए लिपिकों में 16 बाहरी राज्यों से संबंधित हैं। यह पहली बार हो रहा है कि सचिवालय में बाहरी राज्यों के लिपिकों की नियुक्ति की गई है।
यह हिमाचल के बेरोजगारों के हितों से खिलवाड़ है। यह मामला संघ के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से उठाया है कि भविष्य में बाहरी राज्यों के लोगों को हिमाचल में नौकरी न दी जाए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने भरोसा दिलाया है कि भविष्य में इस दिशा में गौर किया जाएगा।
सचिवालय में बाहरी राज्यों से नियुक्त लिपिकों में बिहार के सात लिपिकों के अलावा झारखंड से एक, दिल्ली से चार, चंडीगढ़ से दो और हरियाणा से एक लिपिक नियुक्त हुआ है। शेष लिपिकों की नियुक्तियां हिमाचल से हुई हैं।