हड़ताल पर धरती के 'भगवान': पीएमसीएच में दर्द से कराहते रहे मरीज, टले 60 से अधिक ऑपरेशन

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RGA न्यूज़ पटना बिहार

PMCH में डॉक्टरों की हड़ताल के कारण नहीं चली ओपीडी। वापस लौटे दूरदराज से आए मरीज। मात्र 12 ऑपरेशन हुए। अमूमन रोजाना होते हैं 70 से 80 ऑपरेशन।...

पटना:- पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (पीएमसीएच) में शनिवार को एनएमसी बिल के विरोध में डॉक्टरों की हड़ताल के से इलाज प्रभावित हुआ। अस्पताल प्रशासन भी जूनियर डॉक्टरों से कड़ाई से निपटने के बजाय मूकदर्शक बना रहा और राज्य के कोने-कोने से पहुंचे मरीज परेशान होते रहे। पीएमसीएच के जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन ने रविवार को भी हड़ताल पर रहने की घोषणा की है। शनिवार को पीएमसीएच में मात्र 12 ऑपरेशन हुए, जबकि सामान्यत: यहां  70 से 80 ऑपरेशन होते हैं। लगभग 60 ऑपरेशन टालने पड़े।   

ओपीडी में जूनियर डाॅक्टरों ने जड़ा ताला 

 

 

शनिवार को पीएमसीएच की ओपीडी में हड़ताल का व्यापक असर दिखा। सुबह नौ बजे जैसे ही ओपीडी खुली, सीनियर डॉक्टरों ने बैठने की कोशिश की तो जूनियर डॉक्टर हंगामा करने लगे। यही नहीं चर्म विभाग की ओपीडी में तो जूनियर डॉक्टरों ने ताला जड़ दिया। ओपीडी में ताला मारने से न तो डॉक्टर जा सके, न ही मरीज। जूनियर डॉक्टर यहीं नहीं रुके। उन्होंने पंजीयन काउंटर पर भी हंगामा कर उसे भी बंद करा दिया। पंजीयन न होने से भी मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। हालांकि बाद में इसकी शिकायत जब प्राचार्य से की गई तो उन्होंने कर्मचारियों को निर्देश दिया कि ताला खोलें। इसके बाद ओपीडी का ताला खुला। हालांकि प्राचार्य के निर्देश के बावजूद ओपीडी में डॉक्टर नहीं बैठे और मरीजों को निराश होकर बिना दिखाए लौटना पड़ा।

गंभीर मरीज भी लौटने को हुए विवश 

हड़ताल की वजह से पीएमसीएच में गंभीर मरीजों को भी वापस लौटना पड़ा। बक्सर से सोनेलाल यादव इलाज कराने आए थे। उन्हें लकवा मार दिया है। पीएमसीएच में वे चार घंटे तक इधर से उधर भटकते रहे, लेकिन किसी डॉक्टर ने इलाज करने की कोशिश नहीं की तो उनके परिजनों ने निजी अस्पताल की ओर रुख किया। इसी तरह मुजफ्फरपुर से आईं कुंती देवी को सिर में काफी दर्द हो रहा था। लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें भी नहीं देखा तो वे दूसरे अस्पताल चली गईं।

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