लोहिया संस्थान में हड़ताल से इलाज के लिए तड़पे मरीज, 15 ऑपरेशन टले 

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RGA न्यूज़ उत्तर प्रदेश लखनऊ

एक जुलाई 2017 से पीजीआइ के समान भत्ते की मांग को लेकर अचानक हड़ताल पर गए स्थाई कर्मचारी। डॉक्टरों ने भी ठप किया काम आज भी ओपीडी और ओटी बंद रखने का एलान।...

लखनऊ:- एक जुलाई 2017 से पीजीआइ के समान भत्ते की मांग को लेकर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के स्थाई कर्मचारी सोमवार को अचानक हड़ताल पर चले गए। नर्सों ने वार्ड से लेकर ओटी तक काम ठप कर दिया। ऐसे में कई ऑपरेशन टल गए। साथ ही देखते ही देखते डॉक्टर भी आंदोलन में कूद पड़े। ऐसे में दोपहर बाद चिकित्सीय सेवाएं लड़खड़ा गईं। मंगलवार को भी संस्थान की ओटी और ओपीडी ठप रखने का एलान किया गया है। 

लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में साढ़े तीन सौ बेड हैं। यहां 256 स्थाई कर्मी, 110 सीनियर रेजीडेंट, 86 जूनियर डॉक्टर हैं। सोमवार को सभी सुबह आठ बजे से ड्यूटी पर आ गए थे। लेकिन, भत्तों की मांग को लेकर स्थाई स्टाफ अचानक हड़ताल पर चला गया। नर्सें ओटी, वार्ड का काम छोड़कर प्रशासनिक भवन पर जुट गईं। देखते ही देखते जूनियर डॉक्टर, फार्मासिस्ट, टेक्नीशियन समेत सभी संवर्ग के कर्मचारियों ने कार्य बहिष्कार कर दिया। संस्थान की टीचर्स एसोसिएशन ने भी आपात बैठक बुला ली। ऐसे में डेढ़ बजे से देर रात तक संस्थान में कामकाज ठप रहा। इस दौरान 15 के करीब मरीजों का ऑपरेशन टल गया।

ओटी में अचानक छोड़ा काम, ऑपरेशन फंसे 

संस्थान में न्यूरो सर्जरी, यूरोलॉजी, गैस्ट्रो सर्जरी, इमरजेंसी ओटी, आंकोसर्जरी, सीवीटीएस समेत कुल 11 ओटी हैं। वहीं, इमरजेंसी ओटी में ऑर्थोपेडिक व जनरल सर्जरी विभाग के भी ऑपरेशन किए जाते हैं। दो कैथ लैब भी हैं। हर रोज कुल 40 से 45 प्रोसीजर होते हैं। सोमवार को डेढ़ बजे से कार्यबहिष्कार होने से 15 के करीब ऑपरेशन टाल दिए गए। ऐसे में सुबह से ऑपरेशन के लिए भूखे रहे मरीजों को वार्ड में दोबारा शिफ्ट कर दिया गया।

आया ने चढ़ाई दवा, वार्ड ब्वॉय ने किया इलाज

सुबह आठ बजे ड्यूटी पर तैनात स्टाफ नर्सें डेढ़ बजे काम ठप कर दिया। वहीं दो बजे सेकेंड शिफ्ट की नर्सें सीधे धरने में पहुंच गई। ऐसे में करीब एक घंटे तक वार्ड नर्सों से खाली रहे। इस दौरान भूतल पर कीमोथेरेपी वार्ड में आया मरीजों को दवा चढ़ाती नजर आईं। वहीं, वार्डों में वार्ड ब्वॉय मरीजों की बोतल खाली होने पर ड्रिप लगाते व निकालते मिले।

संविदा कर्मचारी अलर्ट पर, रात तक चली बैठक

स्थाई कर्मियों के हड़ताल पर जाने के बाद निदेशक डॉ. एके त्रिपाठी ने संविदा कर्मचारियों को अलर्ट कर दिया। संविदा नर्सों को तुरंत वार्ड में इलाज शुरू करने के निर्देश दिए गए। भर्ती मरीजों के इलाज के लिए डॉक्टरों को मनाया गया। वहीं, निदेशक की प्रमुख सचिव के साथ देर रात तक संबंधित मसले पर बैठक चलती रही। उधर, कर्मी भी रात में हड़ताल पर बैठे रहे। 

डॉक्टर और कर्मचारी बोले-धोखा दिया 

नर्सेज संघ के अध्यक्ष अमित शर्मा ने कहा कि पीजीआइ के समान भत्ते एक जुलाई 2017 से लागू होने थे। वहीं,  मंगलवार को कैबिनेट बैठक में आदेश के दिन से भत्ते देने का प्रस्ताव लाया जा रहा है। इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। वहीं, टीचर्स एसोसिएशन के सचिव डॉ. पीके दास ने भी इसे धोखा करार दिया। कर्मियों की हड़ताल का समर्थन करते हुए इमरजेंसी सेवा छोड़कर ओपीडी-ओटी ठप करने का एलान किया। 

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