
RGA देहरादून उत्तराखंड
चमोली जिले के घाट ब्लॉक के तीन गांव में बादल फटने से हुए भूस्खलन में छह लोगों की मलबे में दबकर मौत हो गई। सभी शवों को मलबे से निकाल लिया गया है।..
देहरादून:- चमोली जिले के घाट ब्लॉक में सोमवार सुबह आसमान से कहर बरसी। यहां बादल फटने से तीन गांव में हुए भूस्खलन में मलबे में दबने से छह लोगों की मौत हो गई। पहली घटना घाट ब्लॅाक के बांजबगड़ गांव में हुई। यहां सोमवार तड़के पांच बजे बादल फट गया। इससे गांव के अब्बल सिंह का मकान मलबे में दब गया। हादसे में घर के अंदर सो रही अब्बल सिंह की पत्नी रूपा देवी (35 वर्ष) व बेटी चंदा (नौ माह) की दबकर मौत हो गई। वहीं, दूसरी घटना घाट ब्लॉक के आली गांव में हुई। यहां बादल फटने से हुए भूस्खलन से नेनू राम का मकान मलबे में दब गया। इसमें नेनू राम की बेटी नौरती (21 वर्षीय) की दबकर मौत हो गई। तीसरी घटना घाट ब्लॉक के लांखी गांव में हुई। यहां सुबह 8.45 बजे बादल फटने से गांव के शंकर लाल का मकान भूस्खलन की चपेट में आ गया। मलबे में दबकर अजय (23 वर्ष) पुत्र सुरेंद्र लाल, अंजली (8 वर्ष) पुत्री शंकर लाल और आरती (7 वर्ष) पुत्री शंकर लाल की मौत हो गई। सभी मृतकों के शव मलबे से निकाल लिए गए हैं। उधर, चुफला गदेरा (बरसाती नाला) के उफान पर होने से दो मकान व तीन दुकाने बह गई हैं। जिले में मौसम अभी भी खराब है और हल्की बारिश जारी है।
बदरीनाथ हाईवे पर पहाड़ी से आया मलबा
चमोली जिले में बदरीनाथ हाईवे इन दिनों आल वेदर रोड के निर्माण के दौरान खतरनाक हो गया है। पहाड़ से भूस्खलन का सिलसिला थम नहीं रहा है। रविवार शाम चमोली के पास कोड़िया में 12 सेकेंड में पहाड़ी का एक हिस्सा कर गिर गया। शुक्र रहा कि इस दौरान हाईवे से गुजर रहे लोगों ने खतरे के आभास के चलते वाहन रोक दिए। इसी दौरान एक राहगीर ने भूस्खलन का वीडियो भी बनाया।
अगले तीन दिनों तक मौसम के मिजाज से लोगों की दुश्वारियां बढ़ सकती हैं। इस अवधि में सात जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। राज्य मौसम केंद्र ने जिला प्रशासन को जरूरी कदम उठाने की सलाह दी है। उधर, केदारनाथ हाईवे और बदरीनाथ हाईवे तीसरे दिन भी सुचारु नहीं हो पाया, जबकि गंगोत्री हाईवे चुंगी बड़ेथी में रविवार को फिर से बाधित हो गया। यमुनोत्री हाईवे पर यातायात सुचारु है। प्रदेश में लगभग 100 संपर्क मार्ग अवरुद्ध हैं। अधिकांश नदियां खतरे के निशान से कुछ नीचे बह रही हैं
राज्य मौसम केंद्र ने 12 अगस्त को मौसम के तेवर कुछ नरम पडऩे की संभावना जताई है। हालांकि इसके बाद लगातार तीन दिनों तक सात जिलों चमोली, रुद्रप्रयाग, बागेश्वर, पिथौरागढ, नैनीताल, पौड़ी और देहरादून में भारी से भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। इस अवधि में पर्वतीय क्षेत्रों में कुछ स्थानों पर भूस्खलन की और मैदानी इलाकों में बाढ़ की संभावना बन सकती है। मौसम विभाग ने पर्वतीय इलाकों में यात्रा करने वालों को सतर्क रहने को कहा है। राज्य सरकार को अधिकारियों से समन्वय बनाने की सलाह भी दी गई है।
बदरीनाथ हाईवे रविवार सुबह लामबगड़ समेत तीन स्थानों पर बाधित था, दोपहर तक लामबगड़ को छोड़ अन्य दो स्थानों पर इसे सुचारु कर दिया गया। लामबगड़ में हाईवे से मलबा हटाने का काम जारी है। केदारनाथ हाईवे बांसवाड़ा में तीसरे दिन भी बाधित रहा। यहां पहाड़ी से रुक-रुक कर मलबा गिरने का क्रम जारी है। गंंगोत्री हाईवे चुंगी बड़ेथी में फिर से बाधित हो गया। तीन रोज बाद बीती शाम यहां यातायात स़ुचारु हुआ था, रविवार सुबह मलबा आने से बंद हो गया। हालांकि केदारनाथ और गंगोत्री हाईवे पर वाहनों को वैकल्पिक रास्तों से गुजारा जा रहा है। बदरीनाथ मार्ग पर लोग लामबगड़ से तकरीबन एक किलोमीटर का पैच पैदल पार कर दूसरी तरफ पहुंच रहे हैं। पिथौरागढ़-तवाघाट राजमार्ग दोबाट के पास पहाड़ी से पत्थर और मलबा आने की वजह से बाधित है।
कुमाऊं मंडल में दिक्कतें बढीं
कुमाऊं मंडल में पिथौरागढ़ जिले के धारचूला और मुनस्यारी विकास खंडों में शनिवार रात हुई बारिश ने दिक्कतें खड़ी कर दी। थल -मुनस्यारी मार्ग में रातापानी और वनिक के पास लगातार पहाड़ दरक रहा है। यहां पर सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस तैनात कर दी गई है। कैलास मानसरोवर यात्रा मार्ग एवं टनकपुर -तवाघाट हाईवे पर दोबाट के पास गिरा विशाल बोल्डर दूसरे दिन भी नहीं हटाया जा सका। बीआरओ इसे तोडऩे में जुटा है। मार्ग बंद होने से एलागाड़ से लेकर चीन सीमा तक की लगभग पचास हजार की आबादी अलग-थलग पड़ चुकी है।