
RGA न्यूज़ उत्तर प्रदेश मेरठ
शहर की आशियाना कॉलोनी में 100 परिवार ऐसे मिले जो पिछले 11 साल से यहां रहकर कूड़ा बीनने का काम कर रहे हैं। पुलिस ने इन सभी परिवारों की आइडी चेक की ।...
मेरठ:- बांग्लादेशियों और असोम के जिला बारपेटा के रहने वाले लोगों को आतंकी संगठन अपने नेटवर्क से जोड़ने की फिराक में हैं। स्वतंत्रता दिवस के मौके पर यह खुफिया इनपुट मिलने के बाद बुधवार को पुलिस ने सर्च अभियान चलाया। लिसाड़ीगेट की आशियाना कॉलोनी में 100 परिवार मिले, जो पिछले 11 साल से यहां रहकर कूड़ा बीनने का काम कर रहे हैं। पुलिस ने इन सभी परिवारों की आइडी चेक की है। ज्यादातर के पास असोम का आधार कार्ड मिला है।
सघनता से की पड़ताल
इनपुट मिला है कि इन लोगों से आतंकी कैरियर का काम ले सकते हैं, क्योंकि ये सड़क के किनारे, रेलवे स्टेशन के आसपास डेरा डालकर रहते हैं। एसपी सिटी अखिलेश नारायण ने आरएएफ और पीएसी को साथ लेकर रेलवे स्टेशन के आसपास, रजबन और सीसीएस विवि के सामने झुग्गी डालकर रहने वाले परिवारों की पड़ताल की।
सौ परिवारों की आइडी चेक की
दूसरी टीम ने सीओ कोतवाली दिनेश शुक्ला के नेतृत्व में लिसाड़ीगेट क्षेत्र में सर्च अभियान चलाया। सीओ के मुताबिक, आशियाना कॉलोनी में रह रहे सौ परिवारों की आइडी पुलिस टीम ने चेक की है। ज्यादातर परिवारों के पास आधार कार्ड हैं, जिसमें असम के बारपेटा का निवासी लिखा है। पुलिस इन आधार कार्डो की जांच करेगी। सभी परिवारों की गतिविधि पर भी नजर रखी जाएगी।
धमाके के बाद असोम से भागे थे बारपेटावासी
अक्टूबर 2008 में असोम के गुवाहाटी और बारपेटा समेत चार जनपदों में एक साथ बम धमाके हुए थे, जिसमें 40 लोगों की मौत हो गई थी। बम धमाकों की दहशत के बाद 11 साल पहले वहां के कई लोग मेरठ की आशियाना कॉलोनी में रहने लगे थे। पुलिस पड़ताल कर रही है कि इनका किसी देश विरोधी नेटवर्क से तो कोई संबंध नहीं है।
इंटेलीजेंस टीम ने की पूछताछ
बारपेटा के कुछ लोगों से इंटेलीजेंस की टीम ने भी लिसाड़ीगेट थाने में पूछताछ की है। उनके असोम से आने के कारण के साथ जनपद में उनकी गतिविधि की भी जानकारी की जा रही है।
इनका कहना है
लिसाड़ीगेट की आशियाना कॉलोनी में सौ से ज्यादा परिवार ऐसे मिले हैं, जो असम के बारपेटा से आकर पिछले 11 साल से यहां रह रहे हैं। उनकी गतिविधि की पड़ताल पुलिस और खुफिया टीम कर रही है।
- अजय साहनी, एसएसपी