जन्माष्टमी के अवसर के अवसर पर मथुरा को 24 वर्ष बाद मिला बड़ा तोहफा, CM योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर खुली केशव वाटिका

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RGA न्यूज़ मथुरा

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने गुरु तथा पूर्व सांसद महंत अवैद्यनाथ को दिया गया वचन 24 साल बाद पूरा कर दिया है।...

मथुरा:-दिग्गज नेता अरुण जेटली के निधन के कारण श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर मथुरा नहीं पहुंचे सके सीएम योगी आदित्यनाथ ने इसके बाद भी कान्हा की नगरी को बड़ा तोहफा दिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 23 फरवरी 2018 को मथुरा में केशव वाटिका खोलने का वादा किया था, जिसको शनिवार को खोल दिया गया। इसके बाद हजारों लोगों ने यहां पर रोशनी का लुत्फ उठाया।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने गुरु तथा पूर्व सांसद महंत अवैद्यनाथ को दिया गया वचन 24 साल बाद पूरा कर दिया है। मथुरा में श्री कृष्ण के जन्मस्थान की केशव वाटिका में लोगों का प्रवेश प्रतिबंधित किया गया था। केंद्र सरकार में कांग्रेस और प्रदेश में मायावती की सरकार के दौरान प्रशासन ने बैरीकेडिंग कर इसको लोगों के लिए प्रतिबंधित कर दिया था। श्री कृष्ण जन्मस्थान की केशव वाटिका 24 वर्ष बाद शनिवार को आम लोगों के लिए खोल दी गई है। इससे पहले इस पार्क में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक लगी हुई थी। इसे खोलने की घोषणा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 23 फरवरी 2018 में की थी, लेकिन कुछ अड़चन आ रही थी।

केशव वाटिका जन्माष्टमी के मौके पर शनिवार को प्रकाश से नहाई हुई नजर आई। फिलहाल सुरक्षा के मद्देनजर केशव वाटिका के आसपास भारी सुरक्षाबल तैनात किए गए हैं। करीब 3.5 एकड़ में बने इस पार्क को प्रशासन के कब्जे से मुक्ति दिलाने के लिए योगी आदित्यनाथ के गुरु महंत अवैद्यनाथ सहित विहिप के दिग्गज नेताओं ने 84 कोस की यात्रा की थी। प्रशासन यह मानता था कि यह जगह श्री कृष्ण जन्मथान की है। इसके बावजूद यहां श्रद्धालु नहीं जा सकता था। 1995 से पहले यहां बेरोकटोक आवागमन था। यहां पर कृष्ण जन्मस्थान के विभिन्न कार्यक्रम भी यहां होते थे। यहां पर 90 के दशक में विहिप का अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन भी हुआ था।

वर्ष 1995 में विहिप का विष्णु महायज्ञ बिड़ला मंदिर के समीप हुआ था। उससे पहले सुरक्षा का जायजा लेने उस समय के केंद्रीय मंत्री राजेश पायलट भी यहां आए थे। वहां उनके दौरे के बाद प्रशासन ने यहां बैरीकेड लगा दिया था। तब आशंका जताई गई थी कि विष्णु महायज्ञ के दौरान एकत्र भीड़ से कोई अप्रिय घटना घट सकती है। इस यात्रा को प्रसाशन मुक्त कराने के लिए 1999 में योगी आदित्यनाथ के गुरु स्वर्गीय महंत अवैद्यनाथ ने विश्राम घाट पर संकल्प लेकर 84 कोस की यात्रा शुरू की थी। 

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