10 का कोन पचास की पुडिय़ा और नशा भरपूर, नशे के सौदागरों का हर शहर में जाल

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RGA न्यूज़ उत्तर प्रदेश आगरा ब्यूरो चीफ सोनू शर्मा

शहर के गली-मोहल्लों में उपलब्ध करा रहे हैं नशे का रेडीमेड सामान। गांजे में दवाएं मिलाकर बनाई जा रही है हैवी डोज नाम है बालूचर।...

आगरा:- एक वक्त के खाने से ज्यादा सस्ता है छह घंटे तक नशे का सौदा। दस रुपये का कोन और 50 रुपये की पुडिय़ा। कुल 60 रुपये में नशे का यह रेडीमेड सामान स्कूली बच्चों को गिरफ्त में ले चुका है। न मुंह से कोई स्मैल और न बहकते कदम। बस आंखों से ही कोई अंदाजा लगा जा सकता है कि माजरा कुछ और है। यह 'सूखा नशा' है। यही वजह है कि धड़ल्ले से स्कूल-कॉलेजों के आसपास के अलावा शहरभर की पान की दुकानों पर फिल्टर पेपर कोन की बिक्री जारी है। इसमें भरने का हाईडोज सामान गली-मोहल्लों में बने ठिकानों पर उपलब्ध कराया जा रहा है।

'उड़ता आगरा' यूं ही नहीं बन रहा। शहर में जगह-जगह खुले हुक्का बारों से कहानी अब आगे पहुंच चुकी है। 'जागरण' ने बुधवार को शहर में नशे की गिरफ्त में आते बच्चों और स्कूली युवाओं का पर्दाफाश किया था। बोनफिक्स नामक बांड और टिश्यू पेपर 25 रुपये में खरीदकर बच्चे नशीली दुनिया में सुध-बुध खो रहे हैं

पड़ताल इससे आगे बढ़ी तो और भी चौंकाने वाली जानकारियां सामने आईं। शहर में गांजे के शौकीनों की संख्या में बहुत तेजी से इजाफा हुआ है। गो-गो, यो-यो, जो-जो, ओसीबी तथा अन्य नामों से शहर की लगभग हर पान की दुकान पर उपलब्ध फिल्टर पेपर कोन में भरने के लिए सामान भी उतनी ही आसानी से उपलब्ध है।

गांजे में दवाएं मिलाकर बनाया बालूचर

गांजे में थोड़ा स्मैक और मेंडेक्स जैसी दवाओं व कैमिकल्स को मिलाकर उसे ज्यादा नशीला बनाया जा रहा है। इस पदार्थ को 'बालूचर' कहा जा रहा है। पान की दुकान से पेपर कोन खरीदकर पुडिय़ा का इंतजाम युवा खुद करते हैं। कुछ पान की दुकानों पर भी बालूचर की बिक्री की जा रही है। बालूचर सूखी पत्तियां जैसा है, इसे हथेली पर रगड़कर बारीक करने के बाद रेडीमेड फिल्टर कोन में भरकर धुएं के छल्ले उड़ाए जा रहे हैं। धुआं शरीर के अंदर पहुंचते ही असर दिखाता है और युवा कुछ देर के लिए सुध-बुध खो बैठते हैं। सूत्रों के मुताबिक यह बहुत स्ट्रांग है। एक डोज का असर पांच से छह घंटे तक रहता है।

गली-मोहल्लों में बिक्री के अड्डे

बालूचर की बिक्री के अड्डे गली-मोहल्लों में हैं। संकरी गलियों तथा घनी आबादी में खुली दुकानों पर इसकी पुडिय़ा बेची जा रही है। शाहगंज से पृथ्वीनाथ फाटक की रोड पर राजीव टॉकीज के पास गली में एक वृद्धा की दुकान पर यह बेचा जा रहा है। लोहामंडी क्षेत्र में महाराज अग्रसेन भवन के पास स्थित राजनगर में भी बालूचर खुलेआम बेचा जा रहा है। यमुना पार में भी इसके अड्डे हैं। यह पांच और 10 ग्राम के वजन में है। पांच ग्राम की कीमत 50 और 10 ग्राम का मूल्य 100 रुपये।

मची खलबली, नहीं खुलीं दुकानें

'जागरण' में समाचार प्रकाशित होने के बाद बच्चों को बॉंड व टिश्यू पेपर बेच रहे दुकानदारों में खलबली मच गई। ख्वासपुरा और सराय ख्वाजा क्षेत्र में दो दुकानदारों ने दिनभर दुकान ही नहीं खोली। अन्य दुकानों पर भी बच्चों को बॉंड बेचने से दुकानदार कतराते रहे।

डीएम और एसएसपी तक पहुंचा मामला

सराय ख्वाजा निवासीसामाजिक कार्यकर्ता नौशाद उस्मानी ने बच्चों और युवाओं का भविष्य बर्बाद होते देख डीएम और एसएसपी से कार्रवाई करने की अपील की है। उस्मानी ने एसएसपी बबलू कुमार को दिए प्रार्थना पत्र में कहा है कि स्कूल जाने की उम्र में बच्चे नशे के आदी हो चुके हैं। कप्तान ने सीओ शाहगंज को कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं। जिलाधिकारी एनजी रवि कुमार ने प्रार्थना पत्र को संज्ञान लेते एसीएम तृतीय वीरेंद्र मित्तल को जांच के आदेश दिए हैं। 

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