अकीदतमंद की जरूरत और उनकी रोजी-रोटी हैं ताजिया

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RGA न्यूज़ हरदोई

मल्लावां : कस्बा के गोवर्धनपुर में बने ताजिया हरदोई ही नहीं आसपास के कई जिलों में उठाए जाते हैं। पुस्तैनी काम को वर्तमान पीढ़ी भी बढ़ावा दे रही हैं और कहना है कि अकीदतमंद की जरूरत तो उनकी रोजी-रोटी ताजिया हैं। महंगाई को देखते हुए 15 रुपये से लेकर 10 हजार रुपये तक कीमत के ताजिया गोवर्धनपुर बाजार में उपलब्ध हैं। कानपुर नगर, कन्नौज, लखनऊ एवं सीतापुर, औरैया और फर्रुखाबाद आदि जिलों के अकीदतमंद यहां ताजिया खरीदारी के लिए आते हैं। जबकि कुछ अकीदतमंद तो ताजिया का पहले से ही आर्डर बुक करा देते हैं।

मुहर्रम में 10वीं मुहर्रम को मुस्लिम समुदाय के अकीदतमंद हजरत अली, हसन एवं हुसैन की याद में ताजिया उठाते हैं और गम के इजहार के लिए सीनाजनी करते हैं। इसके लिए 9वीं मुहर्रम को ताजिया को अकीदतमंद अपने-अपने चौक पर रखते हैं। गोवर्धनपुर में पुस्तैनी ताजिया बनाने का काम करने वाले वैसे तो करीब एक दर्जन परिवार हैं। ताजिया बनाने वालों में से साबिर, साकिर, तौफीक, शमसुल, शकूर, यामीन, कल्लू, साकिरा बानो, नूर अहमद एवं शौकत आदि का कहना है कि रमजान माह से ही ताजिये बनाने शुरू कर दिए जाते हैं। वह कहते हैं मंहगाई का असर ताजिया पर भी देखने को मिल रहा है

ताजिया बनाने में जुटे तौफीक अहमद, नस्तरी बानो, रेहान एवं शौकत अली गोवर्धनपुर बाजार में ताजिया बिक्री के लिए उपलब्ध हैं। वहीं आर्डर पर महंगे ताजिया बनाकर अलग से सुरक्षित कर दिए जाते हैं। उनका कहना है कि जो ताजिया बिकने से रह जाते हैं उन्हें फिर चेहल्लुम पर (मुहर्रम के आखिरी व 40वें दिन से पहले तक) बिक्री के लिए उपलब्ध कराया जाता है।

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