उत्तराखंड में प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों के विस्तार पर रोक, नए को नहीं मिलेगी अनुमति

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RGA न्यूज़ उत्तराखंड देहरादून

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के सख्त रुख के बाद उत्तराखंड के मैदानी क्षेत्रों में औद्योगिक विकास को झटका लग सकता है। एनजीटी ने रेड व ऑरेंज श्रेणी के उद्योगों के विस्तार पर रोक लगा दी।...

देहरादून, केदार दत्त। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के सख्त रुख के बाद उत्तराखंड के मैदानी क्षेत्रों में औद्योगिक विकास को झटका लग सकता है। एनजीटी ने ऊधमसिंहनगर में उद्योगों के कारण फैल रहे भारी प्रदूषण को देखते हुए वहां 'रेड' व 'ऑरेंज' श्रेणी के उद्योगों के विस्तार पर रोक लगा दी है। साथ ही वहां इन श्रेणियों में फिलहाल नए उद्योगों को भी अनुमति नहीं दी जाएगी।

औद्योगिक क्षेत्रों में प्रदूषण के मामले में ऊधसिंहनगर देश में 13 वें स्थान पर है। वहां फैक्ट्रियों से होने वाले प्रदूषण को थामने के लिए राज्य सरकार से कार्ययोजना तैयार करने को कहा गया है। उधर, एनजीटी के आदेश के क्रम में राज्य स्तरीय पर्यावरण प्रभाव आकलन प्राधिकरण (सीआ) ने तय किया है कि वह ऐसे मामलों में पर्यावरणीय स्वीकृति जारी नहीं करेगा। 

केंद्रीय प्रदूषण बोर्ड ने देश में औद्योगिक क्षेत्रों में फैक्टियों के कारण उत्पन्न प्रदूषण की जांच की थी। बात सामने आई कि 100 औद्योगिक क्षेत्रों में प्रदूषण मानकों से कहीं अधिक है। इनमें 38 क्षेत्र ऐसे हैं, जहां स्थिति बेहद गंभीर है।

इस बीच यह मामला एनजीटी में गया। एनजीटी ने बीती 10 जुलाई को आदेश दिए कि क्रिटिकल स्थिति वाले औद्योगिक क्षेत्रों में रेड व ऑरेंज श्रेणी के उद्योगों की अनुमति न दी जाए। साथ ही ऐसे उद्योगों का विस्तार भी न किया जाए। एनजीटी ने इन क्षेत्रों में प्रदूषण थामने को कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए हैं। इससे उत्तराखंड को झटका लगा है। 

क्रिटिकल स्थिति वाले औद्योगिक क्षेत्रों में ऊधमसिंहनगर भी शामिल है, जो 13 वें स्थान पर है। इसे देखते हुए वहां भी रेड व ऑरेंज श्रेणी के उद्योगों के विस्तार के साथ ही इन श्रेणी के नए उद्योगों की अनुमति पर रोक लगा दी गई है। एनजीटी के निर्देशों के क्रम में राज्य सरकार अब ऊधमसिंहनगर क्षेत्र में प्रदूषण कम करने को कार्ययोजना बनाने में जुटी है। 

हरिद्वार में भी स्थिति ठीक नहीं औद्योगिक क्षेत्र हरिद्वार में भी औद्योगिक इकाइयां प्रदूषण फैलाने में पीछे नहीं हैं। देश के प्रदूषित औद्योगिक क्षेत्रों में हरिद्वार 78 वें स्थान पर है। हालांकि, वहां स्थिति अधिक खतरनाक नहीं है, लेकिन रोकथाम नहीं हुई तो हालात ऊधमसिंहनगर जैसे होते देर नहीं लगेगी।

रेड श्रेणी- ऐसे उद्योग जो बड़े पैमाने पर वायु एवं जल प्रदूषण फैलाते हैं। ऑरेंज श्रेणी- इसमें वे उद्योग आते हैं, जो रेड से कुछ प्रदूषण कम फैलाते हैं और इसे कंट्रोल किया जा सकता है। 

सख्ती से होगा पालन 

सीआ उत्तराखंड के अध्यक्ष डॉ.एसएस नेगी के मुताबिक, एनजीटी के आदेश का सख्ती से अनुपालन सुनिश्चित कराया जाएगा। ऐसे उद्योगों के लिए अगले आदेशों तक किसी प्रकार की पर्यावरणीय स्वीकृति जारी नहीं की जाएगी। 

तैयार हो रही कार्ययोजना 

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, उत्तराखंड के सदस्य सचिव एसपी सुबुद्धि के अनुसार ऊधमसिंहनगर के मामले में एनजीटी ने शासन को निर्देश दिए हैं। उद्योग विभाग वहां प्रदूषण थामने की कार्ययोजना तैयार कर रहा है। यह कार्ययोजना मिलते ही केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को भेजी जाएगी।

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