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Eknath Shinde. महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे को शिवसेना के विधायक दल का नेता चुना गया है।..
मुंबई:- महाराष्ट्र में वीरवार को शिवसेना ने एकनाथ शिंदे को विधायक दल का नेता चुन लिया है। एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं। ये ठाणे के कोपरी-पंचपखाड़ी विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं। एकनाथ 2004, 2009 और 2014 के लिए महाराष्ट्र विधानसभा में तीन बार लगातार निर्वाचित हो चुके हैं।
बताया जाता है कि शिवसेना की बैठक में एकनाथ शिंदे की नियुक्ति पर सहमति जताई गई है। वहीं, आदित्य ठाकरे, एकनाथ शिंदे, दिवाकर रावते और सुभाष देसाई सहित शिवसेना नेता महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात करेंगे। इस बीच, संजय राउत ने कहा है कि वह राज्य में भारी बारिश के कारण किसानों को हुए नुकसान के बारे में राज्यपाल से मिलेंगे।
वहीं दूसरी ओर, शरद पवार के गढ़ बारामती से छठी बार विधायक चुनकर आए उनके भतीजे व राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री अजीत पवार को गत बुधवार को राकांपा विधायक दल का नेता चुन लिया गया। इसके साथ ही यह भी तय हो गया कि अजीत पवार ही इस बार सदन में नेता प्रतिपक्ष की भूमिका निभाएंगे।पिछली सरकार में नेता प्रतिपक्ष का पद कांग्रेस के पास था क्योंकि उसके 41 और राकांपा के 40 विधायक चुनकर आए थे। इस बार राकांपा के 54 और कांग्रेस के 44 विधायक चुनकर आए हैं। इसलिए नेता प्रतिपक्ष का पद राकांपा के खाते में जाएगा।
राकांपा विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद अजीत पवार ने अपने पार्टी विधायकों को संबोधित करते हुए संकेत दिए कि वह कृषि संकट और बेरोजगारी के मुद्दे पर सरकार को घेरने में कोई कसर नहीं रखेंगे। बता दें कि पिछली सरकार में नेता प्रतिपक्ष की भूमिका निभाते रहे कांग्रेस नेता राधाकृष्ण विखे पाटिल लोकसभा चुनाव के तुरंत बाद ही कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे। यहां तक कि उनके कांग्रेस में रहते हुए ही उनके पुत्र डॉ. सुजय पाटिल अहमदनगर सीट से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़े और जीते। इसलिए पाटिल पर यह आरोप लगता है कि वह नेता प्रतिपक्ष के पद पर रहते हुए फड़नवीस सरकार के मित्र की भूमिका निभाते रहे।
विधानसभा चुनाव से कुछ माह पहले कांग्रेस छोड़कर भाजपा में जाते ही उन्हें फड़नवीस सरकार में कैबिनेट मंत्री बना दिया गया था। माना जा रहा था कि उनके भाजपा में शामिल होने से उनके गृह जनपद अहमदनगर की सभी 12 सीटें भाजपा-शिवसेना के खाते में आ जाएंगी। लेकिन ऐसा नहीं हो सका।
राकांपा के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल ने विधायक दल के नेता के रूप में अजीत पवार के नाम का प्रस्ताव करने से पहले अहमदनगर का विशेष उल्लेख करते हुए कहा कि जहां उनकी पार्टी का सूपड़ा साफ होने की बात की जा रही थी, वहां उसे छह सीटें हासिल हुई हैं। बता दें कि 2014 में भी विधानसभा में राकांपा विधायक दल के नेता अजीत पवार ही थे। यह कयास भी लगाया जा रहा था कि राकांपा इस बार अजीत पवार के बजाय भाजपा नेत्री पंकजा मुंडे को हराकर आए उनके चचेरे भाई धनंजय मुंडे को विधायक दल का नेता चुन सकती है। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। धनंजय मुंडे अब तक विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी निभाते आ रहे थे। विधानसभा सदस्य चुने जाने के बाद उन्हें वह पद भी छोड़ना पड़ेगा।