
RGA न्यूज़
कितना खर्च किस मद पर हुआ सरकार करे श्वेत पत्र जारी जागरण संवाददाता धर्मशाला प्रदेश सरकार द्वारा बिना कुछ सोचे समझे जल्दबाजी में इन्वेस्टर्स मीट का आयोजन कर इन्वेस्टरों से धोखा किया गया है। सरकार बड़े उद्योगों को तो प्रदेश में आमंत्रित कर रही है लेकिन वह पहले यह बताए कि एक बड़ा उद्योग स्थापित करने के लिए उसके पास कहां एक जगह पर बिजली पानी व जमीन एक जगह पर कहां पर है। यहां आयोजित एक पत्रकार सम्मेलन में पूर्व मंत्री जीएस बाली ने कहा सरकार इस इन्वेस्टर्स मीट में हुए खर्च को लेकर एक श्वेत पत्र भी जारी करे कि उसने कितना खर्च इस इन्वेस्टर्स...
धर्मशाला : प्रदेश सरकार ने बिना कुछ सोचे समझे जल्दबाजी में इन्वेस्टर्स मीट का आयोजन कर इन्वेस्टर्स से धोखा किया है। सरकार बड़े उद्योगों को तो प्रदेश में आमंत्रित कर रही है लेकिन वह पहले यह बताए कि एक बड़ा उद्योग स्थापित करने के लिए उसके पास बिजली, पानी व एक ही जगह पर जमीन कहां उपलब्ध है।
शनिवार को पत्रकारों से बातचीत में पूर्व मंत्री जीएस बाली ने कहा कि सरकार इस इन्वेस्टर्स मीट में हुए खर्च संबंधी श्वेतपत्र भी जारी करे कि उसने कितना खर्च किस मद पर किया है। साथ ही सरकार जवाब दे कि दो वर्ष में प्रदेश में कितने उद्योग बंद हुए और कितनों ने अपनी उद्योगों को बंद करने के लिए नोटिस दिए हैं।
बाली ने इन्वेस्टर्स मीट पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि जो बड़े घराने प्रदेश में पहले से ही काम कर रहे हैं उन्हें न बुलाकर अन्य को यहां बुलाया गया, ऐसा क्यों। यह सरकार की दिशाहीनता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि भले ही प्रदेश सरकार की नियत सही हो लेकिन उसकी नीतियां सही नहीं हैं, इसलिए इस इन्वेस्टर्स मीट का कोई बड़ा फायदा प्रदेश को नहीं होगा। इन्वेस्टर्स मीट में उद्योगपतियों ने भी कनेक्टिविटी संबंधी मामला उठाया है लेकिन सरकार अभी तक न हवाई अड्डा और न ही रेलमार्ग के विस्तार के लिए कोई कदम उठा पाई है।
पूर्व मंत्री ने कहा कि बावजूद इसके हम सरकार को छह से नौ माह का समय इस बात के लिए देंगे कि इन्वेस्टर्स मीट के बाद निवेशकों का कितना निवेश धरातल पर उतरा है और उसके बाद कांग्रेस पार्टी सरकार को इस मामले में घेरेगी। इस मीट में निवेशक कम और भाजपा के लोग ज्यादा थे, जिससे निवेशकों को भी सही ढंग से अपनी बात रखने का मौका नहीं मिल पाया। जीएस बाली ने गांधी परिवार की सुरक्षा हटाने को लेकर विरोध जताया और कहा कि केंद्र सरकार अपने इस निर्णय पर दोबारा से विचार करे। इस मौके पीसीसी सचिव अजय वर्मा, सौरभ ठाकुर, जिला अध्यक्ष सुमन वर्मा, सुरेश पप्पी, मान सिंह व विजय इंद्र कर्ण मौजूद रहे।