
RGA न्यूज़ लखनऊ उत्तर प्रदेश ब्यूरो चीफ
UP PF Scam उत्तर प्रदेश पावर ऑफिसर्स एसोसिएशन और विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति का 19 दिनों से आंदोलन चल रहा था।...
लखनऊ- RGA न्यूज़ :- एफ घोटाला को लेकर उत्तर प्रदेश के बिजलीकर्मियों की भविष्य निधि के मामले में सरकार ने धैर्य के साथ कदम बढ़ाए। इसके बाद इनका 19 दिन से चला आ रहा आंदोलन स्थगित हो गया।
बैठकों में पैसा वापसी के विकल्प तलाशने के साथ ही कर्मचारियों के साथ बेहतर तालमेल का भी संदेश दिया गया। उच्च स्तर से लिए जा चुके निर्णय पर ऊर्जा मंत्री ने पहले आंदोलित कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधियों से वार्ता कर मन टटोला, फिर सहमति बनने पर अवकाश के दिन भी सचिवालय खुलवाकर गारंटी का शासनादेश जारी कर दिया गया।
उत्तर प्रदेश पावर ऑफिसर्स एसोसिएशन और विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति का 19 दिनों से आंदोलन चल रहा था। संघर्ष समिति ने 28 नवंबर से अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार का एलान कर रखा था, जबकि एसोसिएशन ने दो घंटे अतिरिक्त कार्य शुरू कर दिया था। यह संगठन मांग कर रहे थे कि सरकार पीएफ वापसी के लिए गारंटी दे। इस पर शनिवार को ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा और प्रमुख सचिव ऊर्जा अरविंद कुमार ने दोनों संगठनों के प्रतिनिधिमंडलों के साथ शक्ति भवन में अलग-अलग बैठक की। इसमें दोनों पक्षों के बीच सहमति बन गई। सहमति बनने के बाद संघर्ष समिति ने आंदोलन स्थगित करने की घोषणा भी कर दी। वहीं, ऑफिसर्स एसोसिएशन ने भी लिखित आश्वासन दे दिया कि सरकार द्वारा संबंधित आदेश जारी करते ही आंदोलन वापस ले लिया जाएगा। देर रात शासनादेश जारी कर दिया गया इसलिए एसोसिएशन का आंदोलन भी अब वापस हो गया है।
संगठनों से मांगा यह सहयोग
1- सभी विद्युत कर्मी पूरी ताकत से विद्युत उद्योग की बेहतरी के लिए जुट जाएं। 31 दिसंबर 2020 तक पूरे प्रदेश में राजस्व वसूली, बेहतर उपभोक्ता सेवा और विद्युत चोरी पर पूर्ण अंकुश लगाने का प्रयास करें।
2- 31 दिसंबर 2020 तक प्रदेश भर में विद्युत हानियों को घटाकर 15 फीसद से नीचे लाने का प्रयास करें।
वार्ता में यह हुए शामिल
उप्र पावर ऑफिसर्स एसोसिएशन
अध्यक्ष केबी राम, कार्यवाहक अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा, अतिरिक्त महासचिव अनिल कुमार, सचिव आरपी केन, संगठन सचिव अजय कुमार आदि।
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति
एके सिंह, जीके मिश्र, राजीव सिंह, जय प्रकाश, गिरीश पांडे, सदरुद्दीन राणा, सोहेल आबिद आदि।
बैठक में इन बिंदुओं पर भी सहमति
1- पीएनबीएचएफएल व एलआइसीएचएफएल में जमा धनराशि की वापसी की कार्यवाही की गई है। यह पैसा ट्रस्ट के खाते में अगले दो-तीन दिन में वापस आ जाएगा, जिसका नियमानुसार निवेश किया जाएगा।
2- जब तक ठेकेदार संविदा कर्मियों के ईपीएफ का पैसा जमा नहीं करते, तब तक उनके अगले बिल का भुगतान नहीं किया जाएगा।
3- पीएफ घोटाले में शामिल सभी जिम्मेदारों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी, चाहे वह किसी भी स्तर के हों।
4- आंदोलन में शामिल रहे किसी भी कार्मिक के विरुद्ध कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी।
पीएफ घोटाले में सीए सहित दो और से पूछताछ
बिजलीकर्मियों के भविष्य निधि घोटाले में दिल्ली के चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) सहित दो लोगों से शनिवार को लंबी पूछताछ की गई। आर्थिक अपराध अनुसंधान शाखा (ईओडब्ल्यू) ने ब्रोकर फर्मों के जरिये हुए करोड़ों के कमीशन का लखनऊ कनेक्शन भी खोज निकाला है। इसी के तहत एक और ब्रोकर फर्म संचालक दीपक से विस्तृत पूछताछ की गई।
प्रदेश सरकार ने 4122.70 करोड़ रुपये के भविष्य निधि घोटाले की जांच ईओडब्ल्यू को सौंपी है। इसी के तहत ईओडब्ल्यू जांच कर रही है। जांच में यह भी सामने आया है कि कई रजिस्टर्ड फर्मों के जरिए निजी कंपनी दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (डीएचएफएल) में निवेश कराया गया है। इसी सिलसिले में शनिवार को दिल्ली के एक और सीए से पूछताछ की गई। अब तक की जांच में ब्रोकर फर्मों से जुड़े रहे दिल्ली के कई सीए की भूमिका संदिग्ध मिली है। अब तक सात सीए से लंबी पूछताछ हो चुकी है।
ईओडब्ल्यू ने फर्जी फर्मों के तहत लखनऊ के एक और फर्म संचालन दीपक से लंबी पूछताछ की। फर्म के खातों से किये गये ट्रांजेक्शन की पड़ताल में कई नए बैंक खाते मिले हैं। इनकी छानबीन शुरू कर दी गई है। सूत्रों का कहना है कि अब तक हुई छानबीन में दलाल फर्मों व पावर कारपोरेशन के अधिकारियों के बीच सीधे कनेक्शन भी सामने आए हैं। ईओडब्ल्यू इसके साक्ष्य जुटाने का प्रयास कर रही है।