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स्मार्ट दून की 11 प्रमुख सड़कों को करीब साढ़े 13 सौ करोड़ से स्मार्ट बनाने की योजना है जबकि सवा सौ करोड़ लागत की 100 स्मार्ट बसें दूनवासियों को स्मार्ट सफर का अनुभव कराएंगी। ...
देहरादून:- दून की सड़कों पर आने वाले समय में सफर बेहद आरामदायक और सुखद होने वाला है। स्मार्ट दून की 11 प्रमुख सड़कों को करीब साढ़े 13 सौ करोड़ से स्मार्ट बनाने की योजना है, जबकि सवा सौ करोड़ लागत की 100 स्मार्ट बसें दूनवासियों को 'स्मार्ट' सफर का अनुभव कराएंगी। देहरादून स्मार्ट सिटी लिमिटेड ने इसको लेकर प्रस्ताव डिपार्टमेंट ऑफ इकनोमिक्स अफेयर्स को भेज दिया है। अब प्रोजेक्ट वैल्यू के 80 फीसद फंड के लिए एशियन इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट बैंक (एआइआइबी) को आवेदन भेजने की देरी है। उम्मीद है, जल्द इस संबंध में तमाम औपचारिकताएं पूर्ण कर ली जाएंगीं।
देहरादून स्मार्ट सिटी लि. कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) ने बताया कि प्रोजेक्ट की कुल लागत 1461.09 करोड़ रुपये है। जिसमें 80 फीसद यानि 1168.87 करोड़ रुपये का एक्सटर्नल असिस्टेंस लिया जाएगा। बताया कि प्रोजेक्ट में सड़कों को स्मार्ट करना और स्मार्ट बसों का संचालन शामिल है। स्मार्ट रोड की कुल लागत 1368 करोड़ है, जबकि 123 करोड़ की 100 स्मार्ट बसों को शहर में चलाया जाएगा। ये स्मार्ट बसें ग्रोस कॉस्ट कॉन्ट्रैक्ट पर संचालित की जाएंगी। वहीं, स्मार्ट रोड की कुल लंबाई 61.10 किलोमीटर होगी। जिन्हें स्ट्रीट लाइट, ड्रेनेज, मल्टी यूटिलिटी डक्ट आदि से लैस किया जाएगा। स्मार्ट रोड के तहत प्रेमनगर, राजपुर और मसूरी को भी शामिल किया गया है।
इस तरह स्मार्ट बनेंगी सड़कें
इस परियोजना में मार्गों के दोनों तरफ मल्टी यूटिलिटी सर्विस डक्ट बनाई जाएगी। साथ ही इसमें धुएं को पकडऩे वाले सेंसर लगे होंगे। ताकि आग की किसी भी घटना पर तुरंत काबू पाया जा सके। सर्विस डक्ट में बिजली, टेलीफोन, पेयजल लाइनें आदि को डाला जाएगा। जिससे सड़कों को बार-बार खोदने की जरूरत नहीं पड़ेगी और सड़कों की उम्र भी बढ़ेगी। परियोजना में शामिल सड़कों पर 30 साल की जरूरत के हिसाब से सीवर लाइनें भी बिछाई जाएंगी। इसके अलावा उच्च स्तरीय ड्रेनेज सिस्टम तैयार किया जाएगा, जिससे बारिश का पानी सड़कों पर नहीं टिकेगा। इसके अलावा इन सड़कों पर वाहन चलाना भी आरामदायक रहेगा।
इन 11 सड़कों को बनाया जाएगा स्मार्ट
- चकराता रोड: किशन नगर चौक से प्रेमनगर
- शिमला बाईपास: बाईपास चौक से प्रेमनगर
- हरिद्वार बाईपास: आइएसबीटी से हरिद्वार रोड
- हरिद्वार रोड: आराघर से रिस्पना
- ङ्क्षरग रोड: जोगीवाला से लाडपुर
- रायपुर रोड: सर्वे चौक से लाडपुर
- सहस्रधारा रोड: किरसाली चौक से साईं मंदिर
- मसूरी रोड: डाईवर्जन से कुठालगेट
- राजपुर रोड: दिलाराम चौक से राजपुर
- सहारनपुर रोड: सहारनपुर चौक से आइएसबीटी
- मसूरी: माल रोड।
100 इलेक्ट्रिक बसों से संरक्षित होगा पर्यावरण
भावी स्मार्ट सड़कों पर 100 इलेक्ट्रिक बसें दौड़ेंगी। इन बसों को ग्रोस कॉस्ट कॉन्ट्रैक्ट पर संचालित किया जाएगा। 123 करोड़ रुपये लागत की इन बसों के संचालन का प्रमुख उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण है। इलेक्ट्रिक बसों से पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचेगा और लोगों को भी सुविधाजनक सफर मिलेगा। इन स्मार्ट बसों का कनसेशन पीरियड लगभग 10 वर्ष रखा जाएगा।
एक्सटर्नल असिस्टेंस वाली पहली स्मार्ट सिटी होगा दून
स्मार्ट सिटी फंड से इतर एक्सटर्नल असिस्टेंस प्राप्त करने वाली दून पहली स्मार्ट सिटी होगी। देश की 100 प्रस्तावित स्मार्ट सिटी में केवल दून ही है, जिसके प्रोजेक्ट को इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट बैंक (एआइआइबी) से 80 फीसद फंड प्राप्त होगा। इस 80 फीसद राशि (1168.87 करोड़) का 90 प्रतिशत केंद्र सरकार की ओर से एआइआइबी को लौटाए जाएंगे। अब इस प्रस्ताव को डिपार्टमेंट ऑफ इकनोमिक्स अफेयर्स से एआइआइबी को भेजा जाना है।
डॉ. आशीष श्रीवास्तव (सीईओ, देहरादून स्मार्ट सिटी लिमिटेड) का कहना है कि देहरादून स्मार्ट सिटी लिमिटेड ने पहले शहर की 8.1 किमी की प्रमुख चार सड़कों को शामिल किया गया था, लेकिन यह प्रोजेक्ट स्मार्ट सिटी के लिहाज से बेहद छोटा था। अब शहर की 11 सड़कों को स्मार्ट बनाने की तैयारी है। इन सड़कों की कुल लंबाई 61.10 किमी है। साथ ही शहर में 100 स्मार्ट बसें संचालित करने की योजना है।
देहरादून स्मार्ट सिटी को 1400 करोड़ स्वीकृत
केंद्र सरकार ने उत्तराखंड की तीन महत्वपूर्ण परियोजनाओं के लिए 5184 करोड़ रुपये की धनराशि को स्वीकृति प्रदान कर दी है। इसमें जमरानी बांध परियोजना के लिए 2584 करोड़, टिहरी लेक डेवलपमेंट के लिए 1200 करोड़ और देहरादून स्मार्ट सिटी के लिए 1400 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताया है। उन्होंने कहा कि केंद्र के विशेष सहयोग से ये योजनाएं उत्तराखंड के विकास में मील का पत्थर साबित होंगी।
प्रदेश की अहम जमरानी बहुद्देशीय परियोजना दशकों से लंबित पड़ी हुई है। इस परियोजना के तहत नौ किलोमीटर लंबा, 130 मीटर चौड़ा और 485 मीटर ऊंचाई के बांध का निर्माण किया जाना है। इस बांध के निर्माण से 14 मेगावाट विद्युत उत्पादन के साथ ही पेयजल व सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध होगा। इसके निर्माण के लिए एडीबी सरकार को फं¨डग को तैयार हो गया है।
इस योजना के पहले और दूसरे चरण में टनल निर्माण का कार्य किया जाएगा। तीसरे और चौथे चरण में मुख्य बांध का निर्माण किया जाएगा। अंतिम चरण में पावर हाउस व अन्य निर्माण किए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि जमरानी बहुद्देशीय परियोजना तराई भाबर की लाइफ लाइन है। इस परियोजना के शुरू होने से इसके आसपास के लोगों को ग्रेविटी वाटर मिलने के साथ पेयजल व सिंचाई की समस्या दूर हो जाएगी।
टिहरी लेक डेवलपमेंट के लिए 1200 करोड़ की मंजूरी पर मुख्यमंत्री ने कहा कि डोबरा चांठी पुल के निर्माण के बाद टिहरी के दोनों ओर होटल, रिजॉर्ट और शिक्षण संस्थान बनेंगे। इससे पर्यटकों को अधिक सुविधाएं उपलब्ध होंगी। देहरादून स्मार्ट सिटी पर उन्होंने कहा कि स्मार्ट सिटी पर अब तेजी से काम हो सकेगा।
वहीं, सांसद अजय भट्ट ने भी जमरानी बांध की स्वीकृति के लिए केंद्र सरकार का आभार जताया है। वह जमरानी बांध से संबंधित हर विषय को उठाते रहे। बुधवार को वित्त मंत्रलय में हुई बैठक में सचिव सिंचाई भूपेंद्र कौर औलख ने प्रदेश का पक्ष रखा। बैठक में इसके लिए पूर्ण स्वीकृति प्रदान कर दी गई। सांसद भट्ट ने कहा कि क्रिसमस की छुट्टियों के बाद सिंचाई विभाग के सचिव और अभियंताओं के साथ बैठक कर बांध का जायजा लेंगे ताकि काम जल्द शुरू किया जा सके।