उत्तराखंड पर के चार धाम में फिर हुआ हिमपात, ठिठुरन बरकरार

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RGA न्यू देहरादून उत्तराखंड

सूबे के पर्वतीय क्षेत्रों में चार धाम के साथ ही उच्च हिमालयी क्षेत्रों में हिमपात से कड़ाके की ठंड जारी है। प्रदेश के आठ शहरों में न्यूनतम तापमान पांच डिग्री सेल्सियस से भी कम है।...

देहरादून:- उत्तराखंड में मौसम के मिजाज में कोई बदलाव नहीं है। देर शाम प्रदेश के ज्यादातर इलाकों में बादलों ने डेरा डाल दिया। इस बीच पर्वतीय क्षेत्रों में चार धाम के साथ ही उच्च हिमालयी क्षेत्रों में हिमपात से कड़ाके की ठंड जारी है।

हालांकि अब भी प्रदेश के आठ शहरों में न्यूनतम तापमान पांच डिग्री सेल्सियस से भी कम है। इतना ही नहीं अधिकतम तापमान भी सामान्य से पांच से सात डिग्री सेल्सियस कम बना हुआ है। देहरादून स्थित राज्य मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार शनिवार को प्रदेश के ऊंचाई वाले इलाकों में बारिश और बर्फबारी के आसार हैं, वहीं निचले इलाकों में बादल छाए रहेंगे और हल्की बूंदाबांदी भी संभव है

उत्तराखंड में लगातार तीसरे दिन शीतलहर का असर बना रहा। मसूरी, चमोली के जोशीमठ और कुमाऊं के चम्पावत में पारा तीन डिग्री सेल्सियस से भी कम है। शीतलहर के असर को देखते हुए हरिद्वार और नैनीताल में शुक्रवार को एक से बारहवीं तक के स्कूलों में अवकाश रहा। वहीं देहरादून में स्कूलों के समय में बदलाव किया गया है। राज्य मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि फिलहाल रविवार तक प्रदेश में पश्चिमी विक्षोभ (वेस्टर्न डिस्टरबेंस)का प्रभाव बना रहेगा। उन्होंने बताया कि इस दौरान उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग व पिथौरागढ़ जिले के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बारिश व बर्फबारी हो सकती है।

विभिन्न शहरों में तापमान

शहर-----------अधि.-----------न्यून.

देहरादून-----------17.8-----------08.5

उत्तरकाशी--------14.1-----------04.8

मसूरी--------------14.6-----------02.9

टिहरी--------------13.8-----------06.4

हरिद्वार-----------17.4-----------08.6

जोशीमठ-----------13.2-----------03.1

पिथौरागढ़---------15.5-----------04.9

अल्मोड़ा-----------13.1-----------03.4

मुक्तेश्वर----------13.3-----------04.8

नैनीताल-----------14.1-----------06.0

यूएसनगर---------16.4-----------04.2

चम्पावत----------13.2-----------03.2

बर्फ के आगोश में उत्तरकाशी की हर्षिल घाटी के नदी-नाले-झरने

गंगा घाटी में भारी हिमपात से ठंड का कहर अपने चरम पर है। हाल ये है कि भीषण ठंड के कारण झाला से लेकर गंगोत्री तक कई झरने और नाले जम चुके हैं। गंगोत्री में भागीरथी (गंगा) के जिस हिस्से में बहाव कम है वहां भी पानी बर्फ बन चुका है। शीतलहर के कारण हर्षिल घाटी और गंगोत्री में पेयजल संकट गहरा गया है। लोग पानी का इंतजाम बर्फ गलाकर कर रहे हैं। गंगोत्री में इन दिनों 55 और भैरवघाटी में 40 लोग रह रहे हैं

बीते सप्ताह पहाड़ में हुई बर्फबारी के बाद शीतलहर सितम ढा रही है। ठंड के कहर का सबसे अधिक असर 2500 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में है। जिला मुख्यालय उत्तरकाशी से 65 किमी दूर गंगोत्री की ओर सुक्की टॉप गांव से लेकर गंगोत्री तक अपनी सुंदरता बिखेरने वाले 40 से अधिक झरने व नाले जम चुके हैं। हर्षिल घाटी के आठ गांवों के अलावा गंगोत्री को पेयजल आपूर्ति करने वाले पेयजल स्रोत जम गए हैं।

हर्षिल की पूर्व प्रधान बसंती नेगी कहती हैं कि हर्षिल घाटी में पाइपों के अंदर पानी जम चुका है। ऐसे में लोगों को पीने के पानी के लिए बर्फ पिघलानी पड़ रही है। झाला और धराली के बीच जो छोटी नदियां गंगा में मिलती हैं, उनका पानी भी मुहाने पर जम चुका है। जिधर नजर दौड़ाओं बर्फ के सिवा कुछ नजर नहीं आ रहा। शीतलहर के कहर से बर्फ बने नाले और झरने पर्यटकों को रोमांचित कर रहे हैं। लेकिन, स्थानीय लोगों के लिए के लिए यह स्थिति किसी सजा से कम नहीं है।

20 नवंबर को हर्षिल घाटी में तापमान

स्थान------------अधिकतम, न्यूनतम

उत्तरकाशी----------12----------03

गंगोत्री----------------02---------(-7)

हर्षिल-----------------03---------(-6)

यमुनोत्री--------------01----------(-8)

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