RGA न्यूज़ :- लखनऊ
राजधानी में 19 दिसंबर को उपद्रवियों ने की थी आगजनी। पकड़े गए पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के प्रदेश अध्यक्ष ने बताया था साथियों का नाम। ...
लखनऊ :- प्रदेशभर में हुई हिंसा के साजिशकर्ताओं के नाम उजागर होने लगे हैं। सिमी और रिहाई मंच के बाद अब पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआइ) की भूमिका सामने आई है। एसएसपी कलानिधि नैथानी के मुताबिक 20 दिसंबर को पीएफआइ के प्रदेश अध्यक्ष वसीम अहमद को गिरफ्तार किया गया था। पूछताछ में उसके साथी पीएफआइ के प्रदेश कोषाध्यक्ष गौराहार मजरा बरौली थाना कुर्सी, बाराबंकी निवासी नदीम और डिवीजन प्रेसीडेंट अशफाक की संलिप्तता का पता चला। सोमवार को दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया।
सीओ हजरतगंज अभय कुमार मिश्र ने बताया कि दोनों आरोपितों ने कई वाट्सएप ग्रुप बना रखे थे। चैट के जरिए दोनों ने लोगों को 19 दिसंबर को परिवर्तन चौक पहुंचने की बात कही थी। दोनों के घर से पुलिस ने सीएए और एनआरसी का विरोध किए जाने की 26 तख्ती, 29 झंडा, 100 पर्चे व 36 पेपर कटिंग, भड़काऊ साहित्य, पोस्टर और सीडी बरामद की गई है।
हिंसा करने के लिए दोनों उपद्रवियों ने लोगों को भड़काया था। जनसंपर्क कर लोगों से परिवर्तन चौक पहुंचने के लिए कहा गया था। पूछताछ में वसीम ने बताया था कि पीएफआइ के अलावा सोशलिस्ट डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआइ) की एडहॉक समिति के अन्य सदस्यों के साथ मिलकर पूरी साजिश रची गई थी। उसने पुलिस पूछताछ में बताया है कि 14 राज्यों में उनका संगठन सक्रिय है
लोगों को एकत्र करने में शिया पीजी कॉलेज के प्रोफेसर रॉबिन वर्मा ने अहम भूमिका निभाई थी। रॉबिन रिहाई मंच से जुड़ा हुआ है, जिसने बाहरी लोगों को ठहराने का इंतजाम किया था। रिहाई मंच के मोहम्मद शोएब के पकड़े जाने के बाद पुलिस ने रॉबिन को गिरफ्तार किया था, जो परिवर्तन चौक पर प्रदर्शन के दिन मंगलवार
लएसएसपी ने बताया कि एनआरसी और सीएए के विरोध में शामली में उग्र प्रदर्शन करने वाले पीएफआइ के डॉ. नावेद और 11 अन्य को गिरफ्तार किया गया था। पीएफआइ का प्रदेश अध्यक्ष वसीम राजधानी में ए ब्लॉक विकास भवन मोड़ के पास रहता है। वहीं अशफाक इब्राहिमपुर रामनगर बाराबंकी का रहने वाला है। अशफाक के खिलाफ वर्ष 2010 में बाराबंकी के सफदरगंज थाने में दंगा फैलाने का मुकदमा दर्ज हुआ था। आरोपितों ने चार अक्टूबर को कैसरबाग में रिहाई मंच के साथ मौजूदा हालात पर चर्चा नामक मीटिंग की थी।
पीएफआइ के बैनर पोस्टर लगाने पर बाराबंकी, सीतापुर, मुजफ्फरनगर, मेरठ व बिजनौर में एफआइआर दर्ज की गई हैं। पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के खिलाफ वर्ष 2010 से अब तक कुल 10 मुकदमे दर्ज हैं, जिनमें इस वर्ष मेरठ और बिजनौर में चार मुकदमे हुए हैं। पीएफआइ शामली, मुजफ्फरनगर, मेरठ, बिजनौर, लखनऊ, बाराबंकी, गोंडा, बहराइच, वाराणसी, आजमगढ़ और सीतापुर जिले में सक्रिय है।
बहराइच : नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में हुए हुई हिंसा में गोरखपुर व बलरामपुर व अन्य जिलों के लोग शामिल थे। गिरफ्तारी से इसका राजफाश हुआ है। पुलिस ने गोरखपुर के गोड़सरी गोपालपुर थाना गोला बाजार के अजमल पुत्र सुलेमान व बलरामपुर जिले के पिपरहवा विशुनपुर कोतवाली तुलसीपुर के बदरुजमा को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपितों की संख्या 43 हो गई है।