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RGA न्यूज़
इस तरह के उपद्रव से हमेशा शहर को आर्थिक नुकसान होता है।...
कानपुर :- शुक्रवार से शहर में जारी बवाल की कीमत कानपुर को 15 अरब की पड़ी है। अरबों रुपये का कारोबार प्रभावित हुआ है, करोड़ों रुपये की सरकारी और निजी संपत्ति को भी नुकसान पहुंचा है। प्रशासन ने क्षति के आकलन के लिए पांच सदस्यीय कमेटी बनाई है।
बाहर के कारोबारियों की रोकी राह
शहर में हुए बवाल ने बाहर के कारोबारियों की राह रोक ली। जो कारोबारी पहुंचे भी, उनके आर्डर 50 हजार रुपये से नीचे रहे। कारण, अफवाहें रोकने के लिए चार दिन तक इंटरनेट सेवा बंद रहने से शहर की कारोबारी धड़कन रुक सी गई। न तो ई-वे बिल बन पाए और न ही बाहर के आर्डर आ पाए। फोन पर मिलने वाले आर्डर भी नहीं भेजे जा सके। वहीं कर्मचारियों के न पहुंचने और फैक्ट्रियां बंद होने से उत्पादन भी प्रभावित है।
शहर से चलता है थोक कारोबार
कानपुर प्लास्टिक, जूता, डिटरजेंट, केमिकल, मशीनरी, होजरी एवं गारमेंट, पान मसाला, खाद्य मसाला, तेल की मैन्यूफैक्चरिंग में उत्तर भारत का बड़ा केंद्र है। वहीं, कपड़ा, मसाला, किराना, गल्ला, इंजीनियङ्क्षरग वक्र्स, लोहा, टिम्बर के थोक कारोबार का बड़ा हिस्सा कानपुर से चलता है। अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल प्रदेश महामंत्री ज्ञानेश मिश्र और लोहा व्यापार मंडल के अध्यक्ष अतुल द्विवेदी कहते हैं कि इस तरह के उपद्रव से हमेशा शहर को आर्थिक नुकसान होता है।
बाजार में फिलहाल दस फीसद ग्राहक भी बाहर से नहीं आ रहा है। उधर, इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सुनील वैश्य ने बताया कि ई-वे बिल न जनरेट हो पाने से 400 करोड़ का माल डंप हो गया जबकि कर्मचारियों के न पहुंचने से करीब 500 करोड़ का उत्पादन नहीं हुआ।
कारोबार को नुकसान (करोड़ रुपये में)
कपड़ा रेडीमेड वुलेन - 80
गल्ला एवं दलहन - 75
किराना - 60
लोहा - 60
मशीनरी - 50
सर्राफा - 45
ट्रांसपोर्ट - 100
अन्य - 70
ऑनलाइन कारोबार प्रभावित
खानपान - 01
टैक्सी बुकिंग - 01
ऑनलाइन खरीद - 20
उद्योग में डंप हुआ उत्पादन
चमड़ा उद्योग - 10
प
होजरी एवं रेडीमेड - 90
केमिकल - 75
इंजीनियरिंग वक्र्स - 60
अन्य - 100
उद्योगों में नहीं हो सका उत्पादन
चमड़ा उद्योग - 120
होजरी एवं रेडीमेड - 100
केमिकल - 60
इंजीनियङ्क्षरग वक्र्स - 100
अन्य - 120
कुल - 50
यतीमखाना और बाबूपुरवा क्षेत्र में दो दिन उपद्रव के दौरान आगजनी और तोडफ़ोड़ में 10 लाख 96 हजार पांच सौ रुपये का नुकसान हुआ है। जिला प्रशासन ने शासन को यह रिपोर्ट भेजी है। शासन की ओर से निर्देश थे कि उपद्रव में हुए, नुकसान का आकलन कर रिपोर्ट भेजी जाए। एडीएम सिटी विवेक कुमार श्रीवास्तव की निगरानी में पांच सदस्यीय कमेटी गठित हुई, जिसमें एसडीएम सदर हिमांशु कुमार गुप्ता, तहसीलदार अमित कुमार गुप्ता, एआरटीओ प्रशासन उदयवीर सिंह, एक्सईएन पीडब्ल्यूडी, एक्सईएन नगर निगम शामिल हुए
आकलन में पाया गया कि 3.5 लाख रुपये के तीन सरकारी वाहन जलाए गए, जिसमें एक चार पहिया और दो दोपहिया वाहन शामिल हैं। इसके अलावा 15 निजी वाहनों को क्षति पहुंचाई गई। इनमेंं चार बाइक और 11 कारें हैं। यतीमखाना पुलिस चौकी के दो सीसीटीवी कैमरे, तीन खिड़कियों, बाबूपुरवा पुलिस चौकी के दो दरवाजों की कीमत 37 हजार रुपये बताई गई है। नवीन मार्केट में जना स्मॉल फाइनेंस बैंक और एलएक्स टू कंपनी के कांच के दरवाजे क्षतिग्रस्त किए गए, जिनकी अनुमानित कीमत 26 हजार रुपये है। कुल मिलाकर 10 लाख 96 हजार पांच सौ रुपये के नुकसान का आकलन किया गया। डीएम विजय विश्वास पंत के मुताबिक रिपोर्ट शासन को भेजी गई है।