RGA न्यूज़ हिमाचल प्रदेश कांगड़ा
पोर्ट के विस्तारीकरण को लेकर इच्छी के सैकड़ों महिलाओं व पुरुषों ने जमकर विरोध किया। ग्रामीणों का कहना है कि जब एयरपोर्ट बना हुआ है तो विस्तारीकरण का क्या मतलब आज भी यहां इस समय गगल एयरपोर्ट पर एक नहीं पांच फ्लाइट लैंड कर रही है। इतना ही नहीं इस एयरपोर्ट के विस्तारीकरण की जद...
गगल : कांगड़ा (गगल) स्थित एयरपोर्ट के विस्तारीकरण के खिलाफ इच्छी के सैकड़ों लोगों शुक्रवार को जमकर विरोध किया। ग्रामीणों का तर्क है कि जब पहले से ही एयरपोर्ट बना हुआ है तो इसके विस्तारीकरण का क्या औचित्य है क्योंकि आज भी यहां वर्तमान में पांच फ्लाइट लैंड कर रही हैं। इतना ही नहीं इस एयरपोर्ट के विस्तारीकरण की जद में एक पंचायत नहीं बल्कि छह पंचायतें जिनमें रच्छियालु, सनौरा, बैदी, गगल, इच्छी और ढुगियारी आ रही हैं। सैकड़ों एकड़ भूमि इस एयरपोर्ट के विस्तारीकरण की भेंट चढ़ रही है।
शुक्रवार को विरोध प्रदर्शन के दौरान इच्छी के समस्त गांववासियों ने एयरपोर्ट अथॉरिटी व केंद्र सरकार को जमकर कोसा है। गांववासियों ने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने एयरपोर्ट विस्तारीकरण किया और लोगों को उजाड़ा तो आगामी विधानसभा व लोकसभा चुनाव का सभी पंचायतें बहिष्कार करेंगी।
इस अवसर पर ग्रामवासी राम सिंह, फकीर चंद, विरेंद्र कुमार, प्रदीप कुमार, राकेश, देशराज, किशोरी लाल, अरुण कुमार, रामप्यारी, सपना, श्रेष्ठा, बलदेव व डिंपल आदि ने संघर्ष का बिगुल बजाया।
क्या होगा विस्तारीकरण
वर्तमान में एयरपोर्ट का रनवे 1370 मीटर लंबा व 30 मीटर चौड़ा है। एयरपोर्ट में दो विमान रुकने की व्यवस्था है। अब एयरपोर्ट के हवाई पट्टी को करीब 2400 मीटर लंबा किया जा रहा है, ताकि बड़े विमान भी आसानी से यहां उतर सकें। एयरपोर्ट विस्तारीकरण के नए प्लान के अनुसार अब हवाई पट्टी गगल चौक तक जाएगी और विस्तारीकरण की जद में पुराना मटौर तक का क्षेत्र आएगा। वहीं सड़क से नीचे क्षेत्र से कोई छेड़छाड़ नहीं होगी।
पहले भी हो चुका है भूमि अधिग्रहण का सर्वे
2015 में हवाई पट्टी को 1370 से बढ़ाकर 1920 मीटर बनाया जाना प्रस्तावित हुआ था। 12 मई, 2015 को एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया की छह सदस्यीय टीम यहां पहुंची थी और उसके बाद तय हुआ था कि सनौरा से कुठमां तक 2388 कनाल भूमि अधिग्रहित की जानी है। शाहपुर तहसील के गांवों की 835.63 और 1552.33 कनाल भूमि कांगड़ा तहसील के तहत गांवों की ली जानी थी। प्रस्तावित भूमि में 448 निर्माण हैं और इनमें दुकानें, घर व पशुशालाएं शामिल थीं।