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किरोड़ा नाले के चैनलाइजेशन का विरोध कर जनप्रतिनिधियों और महिला मंगल दल को प्रशासन की ओर से 14 मई को बैठक के लिए तहसील में तलब करने का मामला सामने आने से ग्रामीण भड़क उठे हैं। जनप्रतिनिधियों ने इसे जनता की भावनाओं से खिलवाड़ बताते हुए प्रशासन पर जबर्दस्ती नाले में चैनलाइज के लिए दबाव डालने का आरोप लगाया है। वहीं, प्रशासन 14 मई को तहसील कार्यालय में वार्ता के लिए बुलाने के अपने निर्णय पर अडिग है।
बुधवार को प्रशासन ने थ्वालखेड़ा और नायकगोठ के ग्राम प्रधान, महिला मंगल दल और ब्लाक प्रमुख को 14 मई को अपने-अपने गांवों की जनता को लेकर तहसील कार्यालय में उपस्थित रहने का लिखित फरमान जारी किया था। फरमान पहुंचने के बाद जनप्रतिनिधियों और क्षेत्र की जनता भड़क गई है। जनप्रतिनिधि खुलकर प्रशासन के आदेश के खिलाफ खड़े हो गए हैं। उन्होंने प्रशासन के आदेश को तुगलकी फरमान बताते हुए कहा कि प्रशासन जनता की भावनाओं को कुचलने का प्रयास कर रहा है। नायकगोठ की प्रधान रेनू देवी और थ्वालखेड़ा के प्रधान सुंदर सिंह ने बताया कि प्रशासन मामले को लेकर गंभीर है तो उसे दोनों गांवों में से किसी एक गांव में महापंचायत कर इस मुद्दे को लेकर रायशुमारी करनी चाहिए। उधर, शुरू से ही चैनलाइज के विरोध में खड़े थ्वालखेड़ा के पूर्व प्रधान सतीश पाण्डेय ने बताया कि जल्द ही नायकगोठ, थ्वालखेड़ा, गैंडाखाली, उचौलीगोठ और पूर्णागिरि की जनता की महापंचायत बुलाकर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया जाएगा। उन्होंने बताया कि चैनलाइजेशन की आड़ में किसी को भी खनन का खेल नहीं खेलने दिए जाएगा।