RGA न्यूज़ औरंगाबाद
औरंगाबाद:- उस्मानाबाद जिले के टेर में विशेष प्रकार की ईटों की चिनाई वाला एक कुआं मिला है। माना जा रहा है कि इस कुएं का निर्माण सातवाहन काल में हुआ होगा। यह कुआं पिछले महीने एक भवन निर्माण के लिए कराई जा रही खोदाई के दौरान मिला। एक अधिकारी ने बताया कि टेर संग्रहालय को यहीं स्थानांतरित किया जाना है।
पुरातत्व विभाग के सहायक क्यूरेटर अमोल गोटे ने कहा, 'टेर में रामलिंगप्पा लामतुरे संग्रहालय को दूसरी जगह ले जाना तय है। राज्य सरकार ने इसके लिए नया भवन बनवाना शुरू कर दिया है। 14 दिसंबर को खोदाई के दौरान सातवाहन काल का एक कुआं मिला। कुएं में विशिष्ट शैली में ईटों की चिनाई की गई है। इससे पहले टेर में सातवाहन काल की पाई गई ईटों की तुलना में कुएं की ईटों का आकार काफी बड़ा है।'
गोटे के मुताबिक, पूर्व में टेर में खोदाई के दौरान मिली ईटें 40 सेंटीमीटर लंबी, 20 सेंटीमीटर चौड़ी और सात सेंटीमीटर मोटी हैं, लेकिन कुएं में 45 सेंटीमीटर लंबी, 24 सेंटीमीटर चौड़ी और नौ सेंटीमीटर मोटी हैं। कुआं मिलने के बाद पुरातत्व विभाग ने क्षेत्र को वैज्ञानिक उत्खनन के लिए चिह्नित कर दिया है।
गोटे ने बताया कि उत्खनन के दौरान अभी तक तीन मीटर गहराई तक पहुंचा जा सका है। इस दौरान कुएं में पशुओं की अस्थियां मिली हैं। पशु चिकित्सकों ने इसकी पुष्टि की है। इतिहासकार रेवानसिद्ध लामतुरे ने कहा कि सातवाहन काल के दौरान टेर एक प्रमुख व्यापारिक केंद्र था।