रामराज्य को साकार करना ही प्राथमिकता: आनंदीबेन राज्यपाल

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RGA न्यूज़ लखनऊ ब्यूरो चीफ सुनील यादव

लखनऊ:- बजट सत्र के पहले दिन गुरुवार को सदन में विपक्ष के हंगामे के बीच राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने पूरा अभिभाषण पढ़ा। उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए रामराज्य की परिकल्पना साकार करने को अपनी प्राथमिकता बताया। राज्यपाल ने जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी देते हुए कृषि कुंभ, गंगा यात्रा, ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी से लेकर हाल में हुए डिफेंस एक्सपो को भी अपने भाषण में गिनाया।

दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में लगभग 55 मिनट के अभिभाषण के दौरान समाजवादी पार्टी, कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी के सदस्यों ने वेल में पहुंच सरकार विरोधी नारे लगाए और पोस्टर लहराए। इससे पूर्व सपा व कांग्रेस सदस्यों ने एलपीजी महंगी होने के विरोध मे चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा के निकट गैस का सिलेंडर व गन्ना, प्याज लेकर धरना दिया।

अभिभाषण के लिए राज्यपाल आनंदीबेन विधानसभा अध्यक्ष हृदयनारायण दीक्षित व विधानपरिषद सभापति रमेश यादव के साथ सुबह 11 बजे सदन में पहुंची। राष्ट्रगान के बाद सपा, बसपा व कांग्रेस के साथ सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के सदस्यों ने अपनी सीटों पर खड़े होकर राज्यपाल वापस जाओ, झूठ का पुलिंदा मत सुनाओ, जैसे नारे लगाने शुरू कर दिए और वेल में पहुंच गए। विपक्षी सदस्य सरकार विरोधी नारे लिखी लाल, नीली, पीली और सफेद टोपियां लगाए थे और पोस्टर भी लिए थे।

विपक्ष के हंगामे की परवाह नहीं करते हुए राज्यपाल आनंदीबेन ने वर्ष 2020 की शुभकामना देने के साथ अभिभाषण शुरू किया। शुरुआत उन्होंने रामचरित मानस के श्लोक से की-

दैहिक दैविक भौतिक तापा। रामराज नहिं काहुहि व्यापा।

सब नर करहिं परस्पर प्रीती। चलहिं स्वधर्म निरत श्रुति नीती।

राज्यपाल ने कहा कि राम राज्य को साकार करने के लिए सर्वांगीण विकास सरकार की प्राथमिकता है। राज्यपाल ने आवास योजना, गन्ना मूल्य भुगतान, उज्जवला व सौभाग्य योजना, शौचालय निर्माण, सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्योगों की स्थापना, जीवन ज्योति व आम आदमी बीमा योजना, दूध, चीनी, गन्ना व आम उत्पादन और अटल पेंशन योजना में देश में अव्वल रहने की जानकारी भी दी।

आपराधिक आंकड़ों में गिरावट

राज्यपाल ने फर्रुखाबाद में बंधक 21 बच्चों को सुरक्षित छुड़ाने की घटना का जिक्र करते हुए उत्तर प्रदेश में कानून का राज स्थापित होने की बात कही। बताया कि वर्ष 2017 के सापेक्ष गत वर्ष दुष्कर्म की घटनाओं में 35.06 प्रतिशत, डकैती में 53.7, लूट में 44.5, बलवा में 38.1, हत्या में 14.05 और अपहरण में 30.43 फीसद कमी दर्ज की गयी है। अपराधियों पर सख्ती बरतते हुए वर्ष 2019 में तीन को मृत्युदंड, 152 को उम्रकैद व 585 को अन्य सजा हुई। 218 पाक्सो कोर्ट का गठन किया गया। कहा कि गौतमबुद्धनगर और लखनऊ में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू की गई।

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