चंदौली के पड़ाव में पं. दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा का पीएम ने किया लोकार्पण

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RGA न्यूज़ बनारस

वाराणसी:-  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज रविवार को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी को तीस से अधिक योजनाओं की सौगात देने के लिए पहुंचे। अपने छह घंटे से अधिक समय तक के प्रवास पर सुबह 10.25 बजे लाल बहादुर शास्‍त्री अंतरराष्‍ट्रीय एयरपोर्ट बाबतपुर पहुंचे तो एप्रन पर राज्यपाल आनंदी बेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, मंत्री नीलकंठ तिवारी और अनिल राजभर, आशुतोष टंडन, मछलीशहर सांसद बीपी सरोज, मेयर मृदुला जायसवाल, चेयरमैन अपराजिता सोनकर, पिंडरा विधायक अवधेश सिंह, नवीन कपूर, शैलेश पांडेय सहित भाजपा के अन्य नेताओं ने गुलदस्‍ता भेंट कर अगवानी की। इसके बाद जंगमबाड़ी मठ में आयोजित समरोह में शामिल होने के बाद चंदौली के पड़ाव में पं. दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा का लोकार्पण करने पहुंचे। प्रतिमा का लो‍कार्पण करने के बाद उन्‍होंने स्‍मारक परिसर का भी अवलोकन

इससे पूर्व जंगमबाड़ी मठ में आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि काशी का जनप्रतिनिध हूं और काशाी की धरती पर संतों का आशीर्वाद का सौभाग्य मिला। पीएम मोदी ने कहा कि संस्कृति और संस्कृत की संगम स्थली में आप सभी के बीच आना, मेरा लिए बहुत बड़ा सौभाग्य है। बाबा विश्वनाथ के सानिध्य में, मां गंगा के आंचल में, संत वाणी का साक्षी बनने का अवसर बार-बार नहीं मिलता। आपका स्वागत करता हूं। संस्कृत और संस्कृति के संगम स्थली में आना सौभाग्य है। बाबा विश्वनाथ गंगा के आंचल में संतवाणी का मौका हमेशा नहीं आता। पत्र मिला था और पत्र में राष्ट्र की चिंता थी। युवा भारत के लिए पुरातन भारत के गौारवगान का मौका था। संतों के ज्ञान सत्संग का मौका मिले छोडना नहीं चाहिए। पूरे देश के लोग कोने-कोने से यहां आए। कर्नाटक महाराष्ट्र से हैं और भोले की नगरी का प्रतिनिधितव है। आपका स्वागत है। तुलसी दास ने कहा है- संत समागम हरि कथा तुलसी दुर्लभ दोऊ। ऐसे में वीर शैव की संत परंपरा के शताब्दी वर्ष का आयोजन सुखद है। वीर शब्द का अर्थ वीरता का नहीं बल्कि वीर शैव परंपरा में वीर को आध्यात्मिक अर्थ से परिभाषित किया गया है। मानवता का महान संदेश नाम से जुडा है जिससे समाज को भय विरोध और विकारों से निकालने के लिए परंपरा का आग्रह और नेतृत्व रहा है।

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