इस टेलर के जज्बे को सलाम, दिव्यांग व गरीब होने के बावजूद मुफ्त बांट रहे मास्क

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RGA न्यूज़ संवाददाता मेरठ

मास्क की बढ़ती डिमांड के कारण जगदीश ने फिलहाल कपड़ों की सिलाई का काम रोक दिया है वह अब घर में अपनी सिलाई मशीन पर मास्क बनाने में जुटे हुए हैं।...

कोरोना वायरस को लेकर इस वक्‍त देश संकट के दौर से गुजर रहा है। ऐसे में एक ओर जहां जरुरतमंद लोग सरकारी इमदाद की आस में बैठे हैं, वहीं सालमाबाद गांव में दर्जी का काम करने वाले दिव्यांग जगदीश मास्क सिलकर मुफ्त में बांट रहे हैं। मास्क की बढ़ती डिमांड के कारण जगदीश ने फिलहाल कपड़ों की सिलाई का काम रोक दिया है, वह अब घर में अपनी सिलाई मशीन पर मास्क बनाने में जुटे हुए हैं।

जज्बे और हिम्मत को सलाम : जगदीश की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है। उसके जज्बे और हिम्मत को देखकर उसके इस काम में एक सामाजिक संस्था ने भी मदद के लिए हाथ बढ़ाए हैं। शहर से महज दो किलोमीटर दूर है सालमाबाद गांव। इसी गांव का अनुसूचित जाति से ताल्लुक रखने वाला जगदीश पेशे से दर्जी हैं। उसकी आर्थिक हालत अच्छी नहीं है। वह घर में ही सिलाई मशीन चलाकर अपने परिवार की गुजर-बसर करते हैं।

बाजार से मास्क गायब : हाल ही में देश और दुनिया में कोरोना वायरस ने कोहराम मचाया तो लोगों ने मास्क पहनना शुरू किया। नतीजा यह रहा कि बाजार से मास्क गायब हो गए। गांव तक तो मास्क पहुंचे ही नहीं। गांव के अधिकतर लोग रुमाल और कपड़ा बांध रहे हैं, ऐसे में दिव्यांग जगदीश के मन में लोगों की सेवा करने का जज्बा पैदा हुआ। उसके पास जो कपड़ा रखा हुआ था, उसके उन्‍होंने मास्क बनाने शुरू कर दिए। सैकड़ों की संख्या में मास्क बनाकर उन्‍होंने मुफ्त में बांटने शुरू कर दिए। गांव में मास्क की लगातार डिमांड बढ़ी तो उसे कपड़ा और लास्टिक की जरुरत पड़ी।

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