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अमेरिका में बाघों में कोरोनावायरस संक्रमण मिलने के बाद चिड़ियाघरों और अभ्यारण्यों में जानवरों की सुरक्षा के लिए केंद्रीय चिड़ियाघर ने एडवाइजरी जारी कर दी है। आईवीआरआई सहित तीन संस्थानों को जानवरों में कोरोना की जांच के लिए अधिकृत कर दिया है। इसको लेकर दिशा-निर्देश भी आईवीआरआई पहुंच गए हैं जहां पर बायोसेफ्टी लेवल (बीएसएल-3) लैब में इन जानवरों के सैंपल की जांच होगी।
वर्ल्ड बैंक एवियन इन्फ्लुएंजा परियोजना की तैयारी, नियंत्रण और नियंत्रण कार्यक्रम के तहत पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन विभाग, कृषि मंत्रालय ने आईवीआरआई में 2011 में बायोसेफ्टी लेवल (बीएसएल-3) प्रयोगशाला की स्थापना की थी। सात करोड़ रुपये की इस प्रयोगशाला के साथ जांच के लिए करीब 13 करोड़ की मशीनें भी लगाई गई हैं। यह लैब कैडरेड की ओर से नियंत्रित की जाती है।
आईवीआरआई के अलावा नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हाई सिक्योरिटी एनिमल डिजीज (एनआईएचएसएडी) और नेशनल रिसर्च सेंटर ऑन इक्वाइंस हिसार को भी जांच के लिए चयनित किया गया है। इन केंद्रों पर हर पंद्रह दिन में जांच के लिए चिड़ियाघरों में रहने वाले जानवरों के नमूने भेजे जाएंगे। बंदर या गोश्त खाने वाले जानवरों में खांसी नजर आने पर उनके सैंपल तत्काल इन केंद्रों पर जांच के लिए भेजे जाएंगे।
कोरोना वायरस को लेकर दुधवा और पीलीभीत टाइगर रिजर्व में सतर्कता
लखीमपुर स्थित दुधवा टाइगर रिजर्व में अभी 100 से ज्यादा बाघ मौजूद हैं। डायरेक्टर संजय पाठक ने बताया कि कोरोना का प्रसार होने पर भारत में पहले ही रिजर्व और जू बंद कर लिए गए थे। रिजर्व में जाने वाले फॉरेस्ट गाउर् और वाचर पूरी तरह से सुरक्षा बरत रहे हैं। उधर पीलीभीत आइगर रिजर्व में 60 से 65 बाघ हैं। डीएफओ नवीन खंडेलवाल ने बताा कि निश्चित ही न्यूयॉर्क के जू की घटना चिंतनीय है लेकिन यहां टाइगर रिजर्व में ऐसे खबरें की संभावना बेहद कम है। फिर भी एडवाइजरी जारी होने के बाद रिजर्व की टीम पूरी तरह से तैयार है।
आईवीआरआई को जानवरों की कोरोना जांच केंद्र वाली खबर में बयान
नेशनल जू आथारिटी ने आईवीआरआई को बाघों की जांच के लिए जांच केंद्र बनाया है। इसको आईसीएआर की ओर से अप्रूवल मिल चुका है। आईवीआरआई अभ्यारण्यों और चिड़ियाघरों में रहने वाले बाघों के सैंपल की जांच करेगा।
डॉ. राजकुमार सिंह, निदेशक, आईवीआरआई