राजस्थान के मंदिरों में तैयार हो रहा आयुर्वेदिक सैनिटाइजर

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RGA न्यूज़ राजस्थान जयपुर

Coronavirus मंदिरों के महंतों का कहना है कि बाजार में मिल रहे सैनिटाइजर में 70 फीसद अल्कोहल होता है इसलिए हम अपने स्तर पर आयुर्वेदिक पद्धति सैनिटाइजर तैयार करेंगे। ...

जयपुर:- Coronavirus: कोरोना महामारी और लॉकडाउन के चलते करीब 75 दिन से बंद राजस्थान के मंदिर, मस्जिद और अन्य धार्मिक स्थल फिलहाल 30 जून तक नहीं खुलेंगे। केंद्र सरकार ने तो 8 जून से धार्मिक स्थल खोलने को लेकर गाइडलाइन जारी कर दी, लेकिन राजस्थान सरकार और धर्म गुरुओं के बीच 30 जून तक बंद ही रखने पर सहमति बनी है। केंद्र सरकार की गाइडलाइन में धार्मिक स्थलों को सैनिटाइजर से साफ करने की बात कही गई है, लेकिन राजस्थान में इसका विरोध हो रहा है।

मंदिरों के महंतों का कहना है कि बाजार में मिल रहे सैनिटाइजर में 70 फीसद अल्कोहल होता है, इसलिए हम अपने स्तर पर आयुर्वेदिक पद्धति सैनिटाइजर तैयार करेंगे। महंतों के साथ ही प्रमुख दरगाह प्रबंधकों ने मंदिरों व दरगाह में आने वाले भक्तों को बाजार में बिकने वाले वाले सैनिटाइजर से हाथ धुलवाने से इन्कार कर दिया है। इनका कहना है कि बाजार में बिक रहे सैनिटाइजर में 70 फीसद अल्कोहल होने के कारण इससे भक्तों के हाथ नहीं धुलवाए जा सकते हैं। ऐसे में अब मंदिरों में बड़े स्तर पर आयुर्वेदिक सैनिटाइजर तैयार किया जा रहा है। यह अल्कोहल फ्री है।

शराब से हाथ धोकर नहीं आ सकते मंदिर में

अजमेर जिले के पुष्कर में स्थित देश के एकमात्र ब्रहमा मंदिर के सेवकों ने दो दिन से आयुर्वेदिक सैनिटाइजर बनाने का काम शुरू कर रखा है। इसी तरह जयपुर के अराध्यदेव गोविंद देवजी मंदिर, मोती डूंगरी गणेश मंदिर, नाथद्वारा स्थित श्रीनाथजी मंदिर सहित सभी प्रमुख मंदिरों में आयुर्वेदिक सैनिटाइजर बनाया जा रहा है। इन मंदिरों में सेवा-पूजा करने वालों का का कहना है कि मंदिरों में भक्तों को प्रवेश करने से पहले हाथ सैनिटाइज करने होंगे, लेकिन मंदिर पुजारियों का तर्क है कि बाजार में बिकने वाले सैनिटाइजर में अल्कोहल (शराब) की 70 फीसद मात्रा पाई जाती है।

हाथ सैनिटाइज पर उन पर भी शराब लगेगी, जबकि मंदिर में शराब के साथ प्रवेश नहीं दे सकते। जयपुर के परकोटा में स्थित द्वाराकाधिश्वर मंदिर परिसर में गैस चूल्हे पर एक बड़े बर्तन में पानी गर्म किया जा रहा था। मंदिर के महंत पंडित विजय शंकर ने बताया कि इस गर्म पानी से मंदिर प्रंबधन अपने स्तर पर आयुर्वेदिक सैनिटाइजर बना रहा है। यहां दर्शनों के लिए आने वाले भक्तों के हाथ इसी सैनिटाइजर से धुलवाए जाएंगे। उसके बाद ही उन्हें मंदिर में प्रवेश देंगे।

मंदिर में बनाया जा रहा सैनिटाइजर पूरी तरह आयुर्वेदिक है। यह उबलते हुए पानी में फिटकरी, नीम, तुलसी का पाउडर और पत्ते, नीबू का रस और पाउडर, कपूर, लौंग जैसी चीजें मिलाकर बनाया जा रहा है। ठंडा होने के बाद मंदिर में इसी का इस्तेमाल किया जाएगा। जयपुर के गलता पीठ के महंत अवधेशाचार्य ने बताया कि यहां आने वाले भक्तों के हाथ आयुर्वेदिक सैनिटाइजर से ही हाथ धुलवाए जाएंगे। 

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